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राहत का ऐलान, संपत्ति कर वृद्घि पर प्रस्ताव को नहीं मिली हरी झंडी

  उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में रिहायशी सम्पत्तियों की दरों में परदे के पीछे से वृद्घि की गई है जबकि समिति के अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने दावा किया कि वृद्घि के सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए है

राहत का ऐलान, संपत्ति कर वृद्घि पर प्रस्ताव को नहीं मिली हरी झंडी
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नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में रिहायशी सम्पत्तियों की दरों में परदे के पीछे से वृद्घि की गई है जबकि समिति के अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने दावा किया कि वृद्घि के सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए है। दरअसल, संपत्तियों की दर पूर्व में वर्ष 2017-18 के लिए 'ए' और 'बी' श्रेणी के लिए 12 प्रतिशत थी।

सी, डी और ई श्रेंणी की सम्पत्ति कर दर 11 प्रतिशत थी तथा एफ., जी, एच श्रेणी की 7 प्रतिशत सम्पत्ति कर दर थी, जबकि स्थायी समिति ने वर्ष 2018-19 के लिए इन दरों को बढ़ाकर ए श्रेणी के लिए 20 प्रतिशत, बी श्रेणी के लिए 18 प्रतिशत, सी, डी और ई श्रेणीयों के लिए 14 प्रतिशत तथा एफ, जी और एच श्रेणीयों के लिए 9 प्रतिशत कर दिया था।

इसी प्रकार विशेष गैर अवासीय सम्पत्तियों (जैसे गैस्ट हाऊस, पेईंग गैस्ट हाऊस) तथा गैर अवासीय सम्पत्तियां (उपरोक्त दोनों के अलावा उद्योगिक सम्पत्तियों और 150 वर्ग मिटर अच्छादित क्षेत्र से कम के डाक्टर क्लिनिक) की पूर्व में वर्ष 2017-18 के लिए सम्पत्ति कर की दरें जोकि सभी श्रेणियों के लिए 15 प्रतिशत थी, उसको स्थाई समिति ने 18 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया बजट सभा में सभी पुरानी दरों को यथावत्त रखने की झूठी घोषणा की। इस पर नेता प्रतिपक्ष राकेश कुमार ने कहा कि परदे के पीछे से कटारिया ने वृद्घि के प्रस्ताव को मंजूर किया है और यहां जनता को धोखा दे रहे हैं।

कटारिया ने हालांकि, बजट बैठक में कहा कि दिल्ली सरकार से हमें हक मिलना चाहिए और टैक्स में हिस्सा मिलना चाहिए ताकि हम जनता को अधिक से अधिक सुविधाएं दे सकें। उन्होने नए टैक्स के प्रस्तावों को खारिज करते हुए संपत्ति कर वृद्घि बढ़ाने के आयुक्त के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।

उन्होंने मांग की है कि संविधान की 12 वीं सूची (अनुच्छेद 243ब) के निम्नलिखित सभी कर्त्तव्य जोकि अभी तक दिल्ली सरकार के पास है, नगर निगम को तुरन्त हस्तान्तरित किए जाएं। उन्होंने नगरीय योजना, जिसके अंतर्गत नगर योजना भी है,। भूमि उपयोग का विनयमन और भवनों का निर्माण, आर्थिक और सामाजिक विकास योजना, सड़कें और पुल, घरेलू औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए जल प्रदाय, लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई और कूड़ा-करकट प्रबन्ध, अग्निशमन सेवाएं।

नगरीय वानिकी, पर्यावरण संरक्षण और परिस्थति की आयामों की अभिवृद्धि, समाज के दुर्बल वर्गों के, जिनके अंतर्गत विकलांग और मानसिक रूप से मन्द व्यक्ति भी है, हितों की रक्षा, सार्वजनिक सुख-सुविधाएं, जिनके अंतर्गत सड़कों पर प्रकाश, पार्किंग स्थल, बस स्टाप और जन सुविधाओं आदि की मंाग रखी।



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