आरबीआई ने नीतिगत दरों में नहीं किया बदलाव, ब्याज दर स्थिर
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की है। इससे पहले लगातार दो बार नीतिगत दरों में 25-25 आधार अंकों की बढोतरी की गयी थी

मुंबई। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने इस बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की है। इससे पहले लगातार दो बार नीतिगत दरों में 25-25 आधार अंकों की बढोतरी की गयी थी।
समिति की चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया गया है। समिति के छह में से पाँच सदस्यों ने दरों को स्थिर रखने के पक्ष में और एक ने विरोध में मतदान किया।
समिति की बैठक के फैसले के अनुसार रेपो दर 6.50 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर 6.75 प्रतिशत और बैंक दर 6.75 प्रतिशत ,नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) पूर्ववत हैं।
समिति ने इससे पहले छह जून को हुई दूसरी द्विमासिक समीक्षा और एक अगस्त को हुई तीसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में एक-एक चाैथाई फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की चौथी समीक्षा बैठक ऐसे समय में हुई है,जब भारतीय मुद्रा में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में उबाल के कारण चालू खाता घाटा पर दबाव और तरलता जैसे मुद्दे अर्थव्यवस्था पर हावी हैं।
केंद्रीय बैंक ने इससे पहले गत जून और अगस्त में महंगाई दर और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढाव का हवाला देते हुये दोनों बार ब्याज दर में 25-25 आधार अंकों की बढोतरी की थी लेकिन इस बार नीतिगत दरों को स्थिर रहने का फैसला किया गया।
समिति ने बहुमत के आधार पर नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया। समिति के अध्यक्ष एवं रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, डॉ पमी दुआ, डॉ माइकल देबब्रत पात्रा , डॉ रवीन्द्र एच. ढोलकिया और डॉ विरल आचार्य ने जहाँ नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने के पक्ष में मतदान किया वहीं डॉ चेतन घाटे ने इसके विरोध में मतदान किया। डॉ चेतन घाटे नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की बढोतरी के पक्ष में थे।
समीक्षा बैठक के मिनट 19 अक्टूबर को जारी किये जायेंगे और पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 3-5 दिसंबर को होगी।


