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शोध: तापमान 1.5 डिग्री बढ़ने से 15 फीसदी प्रजातियां लुप्त होंगी

एक शोध में कहा गया है कि अगर धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो 15 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी.

शोध: तापमान 1.5 डिग्री बढ़ने से 15 फीसदी प्रजातियां लुप्त होंगी
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संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जाहिर की है कि अगले पांच साल में पृथ्वी का औसत तापमान 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर जाएगा. अगर धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो 15 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी. धरती जैसे ही 2.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म होगी तो 30 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी. यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन, यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो और यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट ने एक शोध में यह दावा किया है.

शोध के लिए वैज्ञानिकों 35 प्रजातियों को शामिल किया था.

संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व मौसम संगठन ने हाल में अनुमान लगाया कि अब से 2027 के बीच धरती का तापमान 19वीं सदी के मध्य की तुलना में सालाना 1.5 डिग्री से ज्यादा पर पहुंच जाएगा. यह सीमा महत्वपूर्ण है क्योंकि 2015 के पेरिस समझौते में इसी 1.5 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान को दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक सीमा माना गया था और विभिन्न देशों ने शपथ ली थी कि इस सीमा को पार होने से रोकने के लिए कोशिश करेंगे.

तीनों यूनिवर्सिटी के शोध में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा. शोध में कहा गया है कि यह प्रजातियां सभी महाद्वीपों और समुद्र के किनारों से लुप्त होंगी.

शोध में कहा गया है कि जब प्रजातियों के लिए गर्मी का स्तर उनकी सहनशक्ति से अधिक हो जाएगा तो यह जरूरी नहीं है कि उनकी मौत हो जाएगी, लेकिन इस बात के भी सबूत नहीं है कि वे ऊंचे तापमान से बच सकेंगी. शोध में कहा गया है कि कई प्रजातियों को रहने लायक जगह नहीं मिल पाएगी.

किसी एक साल में 1.5 डिग्री की सीमा पार हो जाने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है. एक दशक पहले ऐसा होने की संभावना सिर्फ दस फीसदी थी. 2020 में यह 20 फीसदी हो गई. 2021 में 40 फीसदी, और पिछले साल 48 फीसदी पर पहुंच गई. इस साल यह संभावना 66 फीसदी बताई गई है. डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में स्थित 11 मौसम केंद्रों की गणनाओं के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है.


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