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तपोवन टनल के अंदर पानी और कीचड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही है दिक्कत

उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना की एक सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ के कारण बचाव दल को आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है

तपोवन टनल के अंदर पानी और कीचड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही है दिक्कत
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देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना की एक सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ के कारण बचाव दल को आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है। चमोली में सैलाब आने के बाद अब तक कुल 58 शव बरामद किए गए हैं। राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ मौजूद होने के कारण खुदाई का काम बाधित हो रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सुरंग में तलाशी अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक अंतिम व्यक्ति या उसका शरीर सुरंग के अंदर नहीं मिल जाता।

मंगलवार तड़के सुरंग के अंदर दो शव मिले थे। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, "बचाव अभियान धीमी गति से चल रहा है। काफी कीचड़ होने के कारण काम की गति धीमी है।"

एनटीपीसी के एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग को पहले ही 160 मीटर अंदर तक खोदा गया है।

सुरंग के अंदर खुदाई के काम के दौरान अब तक 11 शव मिले हैं। अधिकारी ने स्वीकार किया, "हम और अधिक बॉडी (पार्थिव शरीर) की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि हम अब जीवित बचे लोगों के लिए उम्मीद नहीं कर रहे हैं।" अभी भी अंदर फंसे बाकी लोगों से कोई संपर्क नहीं है।

बचावकर्मी दो स्थानों पर काम कर रहे हैं। एक दल सुरंग के अंदर बचाव अभियान में जुटा है तो दूसरा दल रैणी गांव में ऋषिगंगा परियोजना के अवशेषों पर के पास अभियान में लगा है। रैणी गांव के पास बचाव अभियान में स्निफर कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

विपरीत परिस्थितियों के बीच कई दिन खुदाई करने के बाद बचाव कार्य में लगी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने सुरंग का एक हिस्सा खोलने में कामयाबी पाई है।


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