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नाले में डाला जा रहा राखड़, किसान व राहगीर परेशान

पानी प्रदूषित होने से निस्तार का संकट 

नाले में डाला जा रहा राखड़, किसान व राहगीर परेशान
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जांजगीर। जिले में कोल आधारित उद्योगों में बन रहे राखड़ का निष्पादन पर्यावरण विभाग के गाईड लाईन की अनदेखी कर धड़ल्ले से कही भी बिखेर दिया जा रहा है। जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, अपितु राहगीरों व किसानों को भी इससे भारी समस्या आ रही है। ताजा मामला सक्ती क्षेत्र के खुंटाडहरा की है, जहां गांव के पास स्थित नाले के किनारे सड़क से सटाकर भारी मात्रा में राखड़ डम्प कर दिया गया है।

जांजगीर-चांपा जिले में अनेक पॉवर प्लांट व अन्य प्लांट संचालित है, जहां से अनुपयोगी राखड़ निकलता है, जिसे पॉवर कंपनियों द्वारा ट्रांसपोटरों के माध्यम से जिले की अलग-अलग जगहों पर डाल दिया जाता है, जिसके लिए उनके द्वारा कोई परमिशन भी नहीं लिया जाता, ऐसे स्थिति में संबंधित शहर व गांव को अनेक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। कुछ इस तरह की स्थिति सक्ती मुख्यालय से करीब 10 किमी नेशनल हाईवे मुख्य मार्ग में स्थित खुंटाडहरा मे देखने को मिल रहा है, जहां प्लांट की राखड़ को ट्रांसपोटरों द्वारा भारी मात्रा में नाला के किनारे डम्प कर दिया गया है, जिससे राखड़ बहकर नाला में भरने लगा है और नाला का पानी प्रदूषित होकर जहरीला हो गई है। नाला का पानी राखड़ के कारण जहरीला होने से मवेशियों के लिए खतरनाक बन गया है और नाला से पानी पीने पर मवेशी बीमार होने लगे है, वहीं ऐसी स्थिति में पर्यावरण प्रदूषण का भी खतरा गंभीर रूप से मण्डराने लगा है।

इस संबंध में ग्राम पंचायत खुंटाडहरा के उपसरपंच पति उमेश राठौर ने बताया कि उक्त राखड़ को कौन डाल रहा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है, किन्तु नाला के पानी पीने से उनके मवेशियां बीमार पड़ने लगे है,वहीं नाला में निस्तारी का उपयोग भी किया जाता है, जिससे नाला का पानी जहरीला होने के कारण ग्रामीण महिला-पुरूषों में बीमारी फैलने का खतरा मण्डरा रहा है, जबकि इस राखड़ को डालने के लिए पंचायत से कोई अनुमति संबंधित कंपनी या ट्रांसपोर्टर द्वारा नहीं लिया गया है।

बहरहाल इस स्थिति से नेशनल हाईवे के मुख्य मार्ग से लगे ग्राम पंचायत खुंटाडहरा की रहवासियों के साथ-साथ मवेशियों पर जानमाल की गंभीर खतरा मण्डराने लगा है, जिससे जिले की प्रशासनिक अमला अनजान बना हुआ है, जो कभी भी भयावह स्थिति पैदा कर सकता है।

गुपचुप तरीके से किया जाता है डम्प

इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार अवैध राखड़ डंपिंग का खेल रात-रात में चल रहा है, जिसके लिए न तो ग्राम पंचायत से कोई एनओसी व प्रस्ताव लिया गया है और न ही ग्राम पंचायत को इसकी जानकारी दी गई है, दूसरी तरफ गत रात्रि राखड़ डम्प करते समय ग्रामीणों द्वारा संबंधित ट्रांसपोर्टिंंग वाहन को मना करने के लिए रोकने का प्रयास भी करने का जानकारी ज्ञात हुआ है, जिसमें ग्रामीण हादसा के शिकार से बाल-बाल बचे है और संबंधित पॉवर कंपनी ट्रांसपोटर द्वारा रात-रात में ही इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

पंचायत की अनुमति लेना भी नहीं समझते जरूरी

इस संबंध में ग्राम पंचायत खुंटाडहरा के सरपंच व सचिव का कथन है कि गांव के नाला किनारे राखड़ को डम्प करने के लिए किसी भी के द्वारा ग्राम पंचायत से एनओसी नहीं लिया गया है और न ही ग्राम पंचायत में इस तरह का प्रस्ताव पास किया गया है, वहीं जानमाल के लिए खतरा बन रहे अवैध राखड़ डंपिंग की शिकायत प्रशासनिक स्तर पर करने की बात भी उनके द्वारा कही गई है।

इस मामले में सक्ती एसडीएम इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि ऐसे अवैध कार्यो पर उनके द्वारा निरंतर कार्रवाईयां की जा रही है व खुंटाडहरा में अवैध राखड़ डंपिंग की जांच कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जावेगी।


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