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जब तक नहीं बनेगा रेस्क्यू सेंटर मरते रहेंगे वन्यप्राणी

रायगढ़ वन मंडल घने जंगल व वन्यप्राणियों से भरा हुआ है

जब तक नहीं बनेगा रेस्क्यू सेंटर मरते रहेंगे वन्यप्राणी
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रायगढ़। रायगढ़ वन मंडल घने जंगल व वन्यप्राणियों से भरा हुआ है। यहां कई प्रकार के वन्यप्राणी जंगल में विचरण करते हैं और आए दिन उनके घायल व सड़क पार करते दौरान मरने की खबर आते रहती है। यही नहीं पिछले कुछ दिनों से रायगढ़ शहर के आबादी क्षेत्र में अजगर निकलने की घटनाएं हो रही है।

ऐसे में क्षेत्र के लोग दहशत में रहते हैं, लेकिन शहर के एक युवक को सूचना मिलने के बाद वह अजगर को पकड़कर वन कर्मियों के साथ जंगल में छोड़ आता है, पर उन्हें विभाग सुरक्षित रख पाने में असफल है। ऐसे में अब रेस्क्यू सेंटर की मांग लगातार बढ़ते जा रही है। लोगों का कहना है कि रेस्क्यू सेंटर के होने से अजगर व अन्य वन्यप्राणियों को सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए विभाग के द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।

विदित हो कि पिछले लंबे समय से इंदिरा विहार को रेस्क्यू सेंटर बनाने की मांग चल रही है, पर इस पर विभाग के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। वन्यप्राणी के जानकारों का कहना है कि अगर इंदिरा विहार में रेस्क्यू सेंटर बना दिया जाता है, तो घायल व जंगल से भटकने वाले वन्यप्राणी को सुरक्षित रखा जा सकता है। ज्ञात हो कि अभी हाल ही में आबादी वाले क्षेत्र में अजगर निकलने की तीन घटनाएं व ओड़िसा रोड कबीर चौक के आगे पेंगोलिन निकलने की एक घटना हुई थी।

इसके बाद उन्हें पकड़कर जंगल में छोड़ा गया, लेकिन उन्हें सरंक्षित नहीं रखा जा सका। इसके अलावा पूर्व में खरसिया वन परिक्षेत्र में एक मृत मादा भालू के साथ उसके दो शावक मिले थे। इसके साथ ही विगत साल पूर्व बडग़ांव में दो चौसिंघा के बच्चे मिले, जिन्हें गांव के एक युवक ने अपने घर में रखा था।

बाद में उन्हें कानन पेंडारी बिलासपुर भेजा गया, लेकिन उतना दूर ले जाने के कारण उनकी मौत हो गई थी। ऐसे में लगातार वन्यप्राणियों की मौत व जंगल से भटकने के कारण रायगढ़ वन मंडल में रेक्स्यू सेंटर की मांग उठने लगी है और विभाग के बड़े अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिर्फ वन्यप्राणी सरंक्षण सप्ताह व विशेष मौको पर वन व वन्यप्राणी को बचाने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं और उनके ये दावे इन दिनों झूठे साबित हो रहे हैं।

रायगढ़ के स्नेकमैन की उपेक्षा- वन विभाग में स्नेकमैन नहीं है, लेकिन लोगों की सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंच कर विनितेश तिवारी अजगर व अन्य सांप को पकड़ रहा है ऐसे में उन्हें पूरा रायगढ़ अब स्नेकमैन के नाम से पहचान रहा है, लेकिन विभाग के द्वारा उसका लगातार उपेक्षा किया जा रहा है।

जबकि वन विभाग का सहयोग करते हुए एक फोन पर विनितेश मौके पर पहुंच कर अब तक उसने कई सांप को पकड़ा और जंगल में छोड़ा है। वहीं लोगों से जब संाप निकलने की सूचना मिल रही है, तो विभाग के निचले वर्ग का कर्मचारी भी तत्काल मौके पर पहुंच कर लोगों के आक्रोश को शांत कर रहा है, लेकिन बड़े अधिकारियों की लापरवाही हर बार उजागर हो रही है।

विभाग को कुछ नहीं पता- यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि जब कोई घायल वन्यप्राणी वन अमला को मिलता है, तो उसका इलाज कर जंगल में छोड़ दिया जाता है, लेकिन उसके बाद उसका क्या होता है, यह विभाग को भी नहीं पता। ऐसे में जानकारों का कहना है कि घायल व जंगल से भटके वन्यप्राणियों के लिए रेस्क्यू सेंटर ही सही विकल्प है और इसके लिए जल्द ही विभाग को तैयारी करनी चाहिए।

इंदिरा विहार में बनना चाहिए रेसक्यू सेंटर

इस संबंध में सेव फारेस्ट के अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल का कहना था कि रायगढ़ वन मंडल में रेस्क्यू सेंटर की कमी लंबे समय से खल रही है।

इंदिरा विहार में रेस्क्यू सेंटर बनाना चाहिए। ताकि घायल व जंगल से भटके वन्यप्राणियों को यहां सुरक्षित रखा जा सके। विभाग के बड़े अधिकारियों को इसके लिए जल्द ही पहल करना चाहिए।


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