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गणतंत्र दिवस पर आसियान देशों की संस्कृति और सभ्यता की झांकी दिखेगी

 देश की दिनों-दिन बढती सैन्य ताकत , बहुरंगी संस्कृति और विविधता में एकता की विरासत की झलक के साथ-साथ इस बार गणतंत्र दिवस परेड में आसियान देशों की संस्कृति और सभ्यता की झांकी भी देखने को मिलेगी। 

गणतंत्र दिवस पर आसियान देशों की संस्कृति और सभ्यता की झांकी दिखेगी
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नयी दिल्ली। देश की दिनों-दिन बढती सैन्य ताकत , बहुरंगी संस्कृति और विविधता में एकता की विरासत की झलक के साथ-साथ इस बार गणतंत्र दिवस परेड में आसियान देशों की संस्कृति और सभ्यता की झांकी भी देखने को मिलेगी।

ऐतिहासिक राजपथ पर भव्य परेड के दौरान सलामी मंच पर पहली बार दस आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी बतौर खास मेहमान मौजूद रहेंगे। आमतौर पर गणतंत्र दिवस समारोह में एक ही विदेशी मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है। दस मुख्य अतिथियों को देखते हुए सलामी मंच इस बार काफी बड़ा बनाया गया है।

राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांंडर रामनाथ कोविंद सलामी मंच पर 21 तोपों की सलामी लेंगे। इसके बाद विजय चौक से भव्य परेड शुरू होगी जो लाल किले पर खत्म होगी। सुबह दस बजे शुरू होकर लगभग डेढ घंटे तक चलने वाली परेड के लिए राजधानी में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं और जमीन से लेकर आकाश तक हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए 50 हजार से अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। पडोसी राज्यों से आने वाले वाहनों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। परेड के आस- पास की इमारतों की छतों पर शार्प शूटर तैनात किये गये हैं।

सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में इंडिया गेट स्थित पवित्र अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।

दिल्ली क्षेत्र के जनरल आॅफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री परेड के कमांडर तथा दिल्ली क्षेत्र में सेना के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल रा जपाल पूनिया उप कमांडर होंगे।

परेड की शुरूआत में होने वाले फ्लाईपास्ट में भारतीय सेना के साथ-साथ वायु सेना के हेलिकॉप्टर पर आसियान का ध्वज भी लहरायेगा। इसके बाद भारतीय सेना के जवान आसियान के ध्वज के साथ साथ सभी दस मेहमान आसियान देशों ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के ध्वज लेकर चलेंगे।


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