Top
Begin typing your search above and press return to search.

रिपोर्ट: अदाणी परिवार ने खुद अपनी कंपनियों के शेयर खरीदे

एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदाणी परिवार के सदस्यों ने चोरी छिपे कुछ अदाणी कंपनियों के शेयर खरीदे थे.

रिपोर्ट: अदाणी परिवार ने खुद अपनी कंपनियों के शेयर खरीदे
X

यह रिपोर्ट नॉन-प्रॉफिट मीडिया संगठन 'ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट' (ओसीसीआरपी) ने जारी की है. संगठन का कहना है कि सालों से अदाणी समूह के अरबों रुपयों के स्टॉक खरीदने और बेचने वाले दो व्यक्तियों के अडानी परिवार से करीबी रिश्ते हैं.

नासिर अली शाबान आह्ली और चांग चुंग-लिंग नाम के इन दो व्यक्तियों के अदाणी परिवार से पुराने व्यापारिक संबंधरहे हैं और वो अदाणी समूह की सम्बद्ध कंपनियों में निदेशक और शेयरधारक रहे हैं.

शेयरों के दाम से छेड़छाड़?

इतना ही नहीं, अदाणी समूह के स्टॉक की खरीद-बिक्री के लिए इन्होंने जिन निवेश फंडों का इस्तेमाल किया, उसे समूह के मालिक गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा नियंत्रित एक कंपनी ही संचालित करती थी.

ये निवेश फंड मॉरिशस में पंजीकृत थे और इनके जरिये इन दोनों व्यक्तियों ने अपनी भागीदारी छुपाते हुए सालों तक अदाणी स्टॉक की खरीद-बिक्री की और इस प्रक्रिया में काफी मुनाफा कमाया.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह गैरकानूनी है या नहीं यह इस सवाल पर निर्भर करता है कि यह माना जाए या नहीं कि आह्ली और चांग को अदाणी समूह के प्रोमोटरोंकी ओर से काम कर रहे थे.

अगर ऐसा मान लिया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि अदाणी समूह में अदाणी परिवार और उनके करीबियों की 75 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है. और इसकी कानून इजाजत नहीं देता.

रिपोर्ट में एक शेयर बाजार विशेषज्ञ अरुण अग्रवाल के हवाले से लिखा गया है कि कोई कंपनी जब अपने ही 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयर खरीदती है...तो यह ना सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि शेयर के दामों से छेड़छाड़ है.

जांच की मांग

अग्रवाल के मुताबिक, "ऐसा करके कंपनी कृत्रिम रूप से कमी पैदा करती है जिससे उसके शेयर का भाव और कंपनी का बाजार पूंजीकरण बढ़ जाता है. इससे यह छवि बन जाती है कि कंपनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जिससे कंपनी को और लोन लेने में, अपने मूल्य निर्धारण को और ज्यादा दिखाने और फिर नई कंपनियां खोलने मेंमदद मिलती है."

अदाणी समूह ने इस रिपोर्ट को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कही गई पुरानी बातों को ही नया रूप देने की कोशिश बताया है और इन दावों को निराधार बताया है. चांग ने ब्रिटेन के गार्डियन अखबार से कहा है कि उन्हें अदाणी स्टॉक के किसी भी गोपनीय खरीद के बारे में कुछ नहीं मालूम है. आह्ली की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

हिंडेनबर्ग ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया है और कहा है कि इससे उसकी रिपोर्ट में जो बात बाकी रह गई थी वो भी बाहर आ गई है.

भारत में विपक्षी पार्टियोंने इस रिपोर्ट के मद्देनजर सवाल उठाया है कि सेबी और सुप्रीम कोर्ट की "विशेषज्ञ समिति" इन दावों का पता क्यों नहीं लगा सकी. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूरे मामले की एक जेपीसी से जांच कराने की मांग को दोहराया है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it