जेपी के अनुरोध के बावजूद रेणु ने अपनी जमानत नहीं ली
जयप्रकाश नारायण ने रेणु के निधन पर 14 अप्रैल 1977 को अपने शोक संदेश में रेणु को याद करते हुए यह बात कही थी।

नयी दिल्ली। हिंदी के अमर शब्द शिल्पी एवं प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी फणीश्वरनाथ रेणु 1974 के आंदोलन में जेल गये तो बीमार हो गये तब लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने उनसे अनुरोध किया कि वह जमानत ले लें पर उन्होंने सिद्धांतों के कारण जमानत नहीं ली।
जयप्रकाश नारायण ने रेणु के निधन पर 14 अप्रैल 1977 को अपने शोक संदेश में रेणु को याद करते हुए यह बात कही थी। चार मार्च 1921 में बिहार के अररिया जिले के पूर्णिया जिले के औराही हिंगना में जन्मे रेणु की कल से जन्मशती मनायी जा रही है। वह 1942 की क्रांति में ही नहीं, 1974 के छात्र आन्दोलन में भी जेल गये थे। जेपी ने लिखा है, “वह एक सच्चे सत्याग्रही थे। 1974 में जब वह जेल गए तो उनके स्वास्थ्य को सामने रखकर मैंने उनसे अनुरोध किया कि वह जमानत पर रिहा हो जाये लेकिन वह जमानत पर रिहा नहीं हुए।”
रेणु का कहना था, “मेरी गिरफ्तारी गलत ढंग से हुई है। सरकार को चाहिए कि वह अपनी गलती के लिए क्षमा मांगे और बाइज़्ज़त रिहा करे।” बाद में जेल से रिहा होने पर जेपी ने उन्हें पटना अस्पताल में भर्ती देखा तो उनसे यह भी अनुरोध किया कि वह जसलोक जाकर चिकित्सा कराएं लेकिन उन्हें अपने साथ के मरीजों को छोड़ना पसंद नही था। जेपी ने लिखा है, “जब रेणुजी के ऑपरेशन की तारीख तय हो गयी तो उस समय पूरा देश तानाशाही से लड़ रहा था। रेणुजी अपना ऑपरेशन टालकर मुझसे मिले थे और चुनाव आंदोलन की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी। जिसके कारण उनकी तबियत और बिगड़ गयी।”


