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'आधार' पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से नागरिकों को राहत : विशेषज्ञ

पूर्व महान्यायवादी सोली सोराबजी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बुधवार को 'आधार' मामले में सर्वोच्चय न्यायालय के फैसले का स्वागत किया

आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से नागरिकों को राहत : विशेषज्ञ
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नई दिल्ली। पूर्व महान्यायवादी सोली सोराबजी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बुधवार को 'आधार' मामले में सर्वोच्चय न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह अच्छा फैसला है और इससे जनता को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की असहमति काफी महत्वूपर्ण थी। सोराबजी ने कहा, "मेरा मानना है कि कुल मिलाकर यह अच्छा फैसला है। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर मैं चंद्रचूड़ के फैसले से खुश हूं, जिसमें उन्होंने इस आधार पर इसे रद्द कर दिया कि इससे निजता के अधिकार की चिंता पैदा होती है।"

भूषण ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "आज सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। उन्होंने आधार अधिनियम के कई भागों को असंवैधानिक पाया है।"

भूषण ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि दूरसंचार कंपनी हो या बैंक, स्कूल व एयरलाइन, कोई निजी कंपनी किसी प्रकार की सेवा प्रदान करने के लिए आधार की मांग नहीं कर सकती है।

उन्होंने कहा, "अगर किसी व्यक्ति का बायोमीट्रिक पहचान विफल हो जाती है और वह अगर अन्य तरीके से अपनी पहचान स्थापित कर सकता है तो उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ प्राप्त करने से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा, "इस प्रकार, जनता को बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीशों के बीच इस बात को लेकर मतभेद है कि क्या आधार अधिनियम को धन विधेयक के रूप में पारित किया जा सकता है।"

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "उन्होंने बहुत ही कड़ा फैसला दिया है कि इस अधिनियम को धन विधेयक के रूप में पारित करना संविधान के साथ धोखा है, क्योंकि आपने राज्यसभा में इसे धन विधेयक के रूप में पारित करवा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि आधार कार्ड के रूप में जो डेटा संग्रह किया गया है, उसे नष्ट करने की जरूरत है।"

उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की असहमति काफी अहम है।


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