Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्कूल से बच्चों के घर लौट आने पर ही मिलता है चैन

 विद्या अर्जन के लिए बच्चों को स्कूल भेजने के बाद उनके सही-सलामत घर लौटने की चिंता अब अभिभावकों में बढ़ती ही जा रही है

स्कूल से बच्चों के घर लौट आने पर ही मिलता है चैन
X

कोरबा। विद्या अर्जन के लिए बच्चों को स्कूल भेजने के बाद उनके सही-सलामत घर लौटने की चिंता अब अभिभावकों में बढ़ती ही जा रही है। पिछले कुछ महीनों से स्कूली विद्यार्थियों के साथ होने वाली घटनाओं ने न सिर्फ परिजनों को चिंतित किया है बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर बच्चे इतने असुरक्षित कैसे? विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूल प्रबंधनों की जिम्मेदारी तय करना मौजूदा हालातों में काफी जरूरी हो गया है।

हरियाणा के गुरूग्राम में संचालित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा दूसरी के छात्र 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की स्कूल के बाथरूम में बस कंडक्टर द्वारा नृशंस हत्या कर दिये जाने की घटना ने दिल दहला दिया है। पूरे प्रकरण में स्कूल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं और इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल घर से दूर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उठा है। कोरबा जिले में भी हजारों की संख्या में छोटे-बड़े स्कूल संचालित हो रहे हैं। पिछले दिनों किड्जी स्कूल की 5 वर्षीय छात्रा के साथ स्कूल वाहन के चालक साडा कालोनी निवासी शंकर जायसवाल के द्वारा दुष्कृत्य किया गया। अब रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन के द्वारा ऐहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा शासकीय व अशासकीय शालाओं में बच्चों की सर्वोत्तम सुरक्षा के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों व पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा गया है।
कर्मचारियों सहित चालक-परिचालकों का तैयार हो रहा डाटा
स्कूलों में कार्यरत सभी कर्मचारियों का बायोडाटा तैयार करने के साथ स्कूल वाहनों के चालकों व परिचालकों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाने, कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा स्कूलों में भीतर और बाहर की ओर सीसीटीवी कैमरा लगाने, कैमरा लगे होने की स्थिति में उसके चालू होने की निरंतर मॉनिटरिंग, स्कूल बसों में लगे सीसी कैमरे के चालू रहने, बच्चों को लाने व ले जाने के दौरान वाहन में एक महिला कर्मचारी रखने व किसी भी सूरत में वाहन चालक व परिचालक के भरोसे बच्चों को छोड़कर नहीं जाने सहित अन्य तरह के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल के भीतर किसी भी तरह की घटना होने पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है। इसके साथ अभिभावकों से भी अपेक्षा है कि वे घर से स्कूल वाहन तक बच्चों को छोड़ने और स्कूल से लौटने पर सड़क से घर तक बच्चों को ले जाने का काम स्वयं करें। यदि ऐसा हो तो वापसी के समय किसी भी सूरत में स्कूल वाहन में मौजूद महिला कर्मी को वाहन से उतरना नहीं पड़ेगा और अकेले में होने वाली घटनाओं पर रोक लगेगी।

स्कूल वाहनों की सघन जांच जारी

पुलिस अधीक्षक डी. श्रवण के निर्देशानुसार एवं एएसपी तारकेश्वर पटेल के मार्गदर्शन में यातायात थाना प्रभारी निरीक्षक एसएस पटेल के द्वारा मातहतों एएसआई जोगीराम भार्गव, मालिकराम जांगड़े, विभव तिवारी, प्रधान आरक्षक मनोज राठौर व अन्य के साथ स्कूली बच्चों के परिवहन में लगे ऑटो, टाटा मैजिक, बसों आदि वाहनों की सघन जांच-पड़ताल की जा रही है। स्कूल वाहन और मोबाईल नंबर नहीं लिखा होने पर इसे लिखने की हिदायत दी जा रही है। यह भी ताकीद की जा रही है कि क्षमता से अधिक बच्चों को न बिठाया जाये और स्कूल वाहनों की खिड़कियों एवं ऑटो में जाली जरूर लगवायी जाये। श्री पटेल ने कहा है कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

डीपीएस में अवैध वाहनों से बच्चों का परिवहन

साडा कालोनी जमनीपाली निवासी एनटीपीसी कर्मी दयानंद वर्मा ने कलेक्टर से शिकायत की है कि डीपीएस जमनीपाली स्कूल परिसर से बच्चों को लाने व ले जाने में लगी महिन्द्रा बोलेरो क्रमांक-सीजी 10 बीबी 7969, सीजी 12 डी 1699, मारूति इको सीजी-12 एजे 9331, टाटा सूमो क्रमांक- सीजी 12 डी 1167, टाटा मैजिक क्रमांक-सीजी 12 ए 2440/आर 6104 का अवैध संचालन हो रहा है। दयानंद ने वर्ष- 2017-18 में अपने बच्चे को पीपी-2 में दाखिला कराया है।

घर से स्कूल की दूरी मात्र एक किलोमीटर है और सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन देखने के बाद ही इस स्कूल में बच्चे का दाखिला कराया था, परन्तु स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को लाने-ले-जाने कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई है बल्कि पीपी-1 व 2 के लिए कुछ वाहन मालिकों द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है। ये वाहन एक भी मापदंड पर खरे नहीं उतरते। बिना अटेंडेंट मात्र चालक के भरोसे बच्चे एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते आते हैं। एक बच्चे ने दूसरे बच्चे की आंख को पेंसिल की नोंक से चोटिल कर दिया था। दयानंद ने इस आशय की शिकायत जून माह में की थी किन्तु आज पर्यंत कोई कार्रवाई उपरोक्त वाहनों पर नहीं होने से पुन: स्मरण पत्र प्रेषित किया है। देखना है कि स्मरण पत्र के बाद किस तरह की कार्रवाई होती है।

स्कूल प्रबंधकों की ली जाएगी बैठक : एएसपी

एएसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि रेयान स्कूल की तरह अथवा स्कूल वाहनों में किसी भी छात्र-छात्रा के साथ किसी भी तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके मद्देनजर सभी स्कूलों के संचालकों एवं प्रबंधकों की दो-चार दिन के भीतर बैठक लेकर विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी गाइड लाईन से अवगत कराया जाएगा। हालांकि पुलिस पूर्व से भी संजीदा रही है किन्तु बढ़ती घटनाओं ने चिन्ता की लकीर जरूर खींची है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it