हरियाणा की एमएसएमई को कार्यशील पूंजी पर छह माह तक ब्याज में राहत
एमएसएमई के श्रमिकों के साथ प्रवासी खेतिहर और अन्य प्रवासी मजदूरों की भी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में अहम भूमिका रहती है।

चंडीगढ़। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि कोरोना के कारण पूरे देश में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां से गत दो माह से राजस्व प्राप्तियां न के बराबर होने से आर्थिक तंगी के बावजूद राज्य सरकार ने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों(एमएसएमई) काे ऋणों पर छह माह तक ब्याज दर में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है ताकि वे लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रति श्रमिक 20,000 रुपये तक का मासिक वेतन का भुगतान कर सकें।
श्री चौटाला, जिनके पास श्रम एवं रोजगार विभाग का कार्यभार भी है, ने बताया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से केंद्र सरकार की हिदायतों के अनुसार औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से संचालित की जा रही है ताकि औद्योगिक उत्पादन आरंभ हो तथा अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाया जा सके। उन्होंने कहा कि औद्योगिक उत्पादन में एमएसएमई एक बड़ी भूमिका है और इसमें श्रमशक्ति का अहम योगदान रहता है। सरकार ने इसके मद्देनजर एमएसएमई को ऋणों पर छह माह तक ब्याज में छूट देकर राहत पहुंचाने का निर्णय लिया है और इससे सरकार पर लगभग 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के श्रमिकों के साथ प्रवासी खेतिहर और अन्य प्रवासी मजदूरों की भी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में अहम भूमिका रहती है। सरसों और गेहूं की कटाई के बाद अब मंडियों में खरीद प्रक्रिया जोरों पर है। मंडियों में भी श्रमिकों की अधिकाधिक आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि हालांकि लॉकडाउन की लम्बी अवधि के चलते प्रवासी मजदूर अपने मूल राज्य में जाने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए भी प्रबंध किए हैं। विशेष रेलगाड़ियों की व्यवस्था की गई है। हिसार से बिहार में कटिहार तक लगभग 1200 मजदूरों को लेकर विशेष रेलगाड़ी गई है। और भी रेलगाड़ियां विभिन्न गंतव्य स्थलों पर भेजी जाएंगी। सरकार का प्रयास है कि अन्य राज्यों का ऐसा कोई भी मजदूर अपने घर जाने का इच्छुक है तो उसे सुरक्षित एवं व्यवस्थित तरीके से भेजने के प्रबंध किए जा रहे हैं।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के लगभग 3000 व्यक्ति लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है तथा कुछ लोग वापस लौट भी आए हैं। उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की कि वे 17 मई तक लॉकडाउन अवधि की पालना पहले के दो चरणों की तरह करें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखकर अपने घरों में रहें और कोरोना योद्धाओं का हौसला अफजाही करते रहे जब तक कोरोना को हम पूरी तरह से भगा न दें।


