किसान आंदोलन के बीच रिलायंस की सफाई, कहा-"कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना-देना नहीं"
नए कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने दी सफाई

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर देश के किसान लगातार 40 दिन से राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर लगातार बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों का साफ कहना है कि उन्हें अडानी और अंबानी के हाथों की कठपुतली बनकर नहीं रहना है इसलिए वह इस कानून को मानने को तैयार नहीं है। खैर इसी कानूनों और किसान आंदोलन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपना पक्ष रखा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपना बयान जारी करते हुए साफ कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से हमारा कोई लेना-देना नहीं। खास बात ये है कि रिलायंस का ये बयान तब आया है जब पंजाब में रिलायंस जियो के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है और जियो का बहिष्कार कर रहे हैं। अपना घाटा होता देख कर आज सोमवार को रिलायंस ने कहा है कि हमारा कॉरपोरेट फार्मिंग या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना देना नहीं है। रिलायंस ने कहा, "कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में हमारे दाखिल होने की कोई योजना नहीं है।"
अपने बयान में रिलायंस ने यह भी कहा है कि "हमने कभी भी कॉरपोरेट फार्मिंग के लिए खेती की जमीन नहीं खरीदी है और न ही आगे खरीदेगी।"
दरअसल पंजाब में पिछले कुछ हफ्तों में नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने रिलायंस जियो के करीब 1,500 मोबाइल टावर और टेलीकॉम गियर को काफी नुकसान पहुंचाया है। तोड़फोड़ और बहिष्कार जैसी स्थिति के बीच अब रिलायंस ने इसपर संज्ञान लिया है और बया जारी करके सफाई दी है।


