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मेट्रो के तीसरे चरण की चुनौतियां पर पुस्तक का विमोचन

दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के निर्माण के दौरान इंजीनियरिंग संबंधी चुनौतियों पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मेट्रो भवन में विमोचन किया गया

मेट्रो के तीसरे चरण की चुनौतियां पर पुस्तक का विमोचन
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नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के तीसरे चरण के निर्माण के दौरान सामने आई इंजीनियरिंग संबंधी चुनौतियों पर संकलित पुस्तक को आज दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मेट्रो भवन में विमोचन किया गया। इस अवसर पर मंगू सिंह ने साफ किया कि आवश्यक मंजूरी मिले तो वे चौथे चरण के निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

मेट्रो के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में मेट्रो विस्तार के तीसरे चरण के तहत तीन मुख्य कॉरीडोर मजलिस पार्क से शिव विहार पिंक लाइन, जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन मेजेन्टा लाइन और केंद्रीय सचिवालय से कश्मीरी गेट वायलेट लाइन के निर्माण के दौरान सामने आई प्रमुख सिविल इंजीनियरिंग चुनौतियों को दिया गया है।

चूंकि ये कॉरीडोर भीड़भाड़ वाले आवासीय और व्यावसायिक इलाकों के बीच बने हैं इसलिए हर कॉरोडीर की अपनी खासियत रही है। पिंक लाइन का रिंग रोड से गुज़रना, मेजेन्टा लाइन का निर्माण आउटर रिंग रोड के साथ होना और वायलेट कोरीडोर का बेहद भीड़भाड़ वाले पुरानी दिल्ली इलाके में प्रवेश करना जहां सदियों पुरानी इमारतों के साथ साथ ऐतिहासिक महत्व की अनगिनत इमारतें भी मौजूद हैं।

यहां निर्माण करते समय अनेक अप्रत्याशित इंजीनियरिंग चुनौतियों का सामना करना पड़ा और डीएमआरसी के इंजीनियरों को निश्चित समाधानों से परे जाकर कार्य करना पड़ा। कई स्थानों पर स्टेशनों को फिर से डिज़ाइन करना पड़ा जबकि कई अन्य साइटों में विशालकाय टनल बोरिंग मशीन की आवागमन की योजना फिर से बनी।

आसान भाषा में लिखी यह पुस्तक हर वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय है। यह पुस्तक इंजीनियरिंग के छात्रों, शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी होगी। इस पुस्तक के अलावा डीएमआरसी ने अपने दूसरे चरण की चुनौतियों पर एक डॉक्युमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इस फिल्म को वर्ष 2011 में सर्वश्रेष्ठ प्रमोशनल फिल्म नॉन फीचर फिल्म श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार रजत कमल मिला था।


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