3 वर्षों में केवल 15 सौ बालिकाओं का पंजीयन!
बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने शासन द्वारा 1 अप्रैल 2014 से ''नोनी सुरक्षा योजना' की शुरूआत की गई है
बिलासपुर। बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने शासन द्वारा 1 अप्रैल 2014 से 'नोनी सुरक्षा योजना' की शुरूआत की गई है। लेकिन इन तीन वर्षों में जिले में मात्र 1500 सौ बालिकाओं का ही पंजीयन हो पाया है।
जबकि आंकड़े के अनुसार बालिकाओं की संख्या 5,000 से भी ऊपर है। इस योजना का प्रचार-प्रसार ठीक से नहीं होने के कारण लोगों को ''नोनी सुरक्षा योजना' के बारे में जानकारी नहीं है। बालिकाओं के शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य में सुधार, अच्छे भविष्य की आधार शिला, बालिका भ्रूण हत्या रोकने, एवं बाल विवाह की रोकथाम के लिए शासन द्वारा वर्ष 2014 से ''नोनी सुरक्षा योजनाट की शुरूआत की गई है।
इन तीन वर्षों में नवजात बालिकाओं की संख्या लगभग पांच हजार बताई जा रही है। लेकिन पंजीयन सिर्फ पंद्रह सौ बालिकाओं का ही हो पाया है। योजना का क्रियान्वयन इतने धीमी गति से की जा रही है कि लोगों को इस योजना का पता भी नहीं चल पा रहा है। पंजीयन ऑनलाईन होने के कारण कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए यह पहेली बन गया है।
ये है पात्रता
बालिका जन्म 1 अप्रैल 2014 के उपरांत हुआ हो एवं उसके माता-पिता छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हो। योजना का लाभ उन्हीं परिवार को मिलेगा जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले हैं। योजनांतर्गत पहली दो संतान (बालिका) तक ही सीमित है। पंजीकृत बालिका का 18 वर्ष तक विवाह न होने एवं कक्षा 12 वीं तक शिक्ष्ज्ञा पूर्ण होने पर ही योजना का लाभ मिलेगा।
राशि का भुगतान इस तरह होगा
भुगतान के समय लाभार्थी बालिका के नाम से उपयुक्त बैंक में खाता खोला जाना है। भुगतान प्राप्ति के लिए बालिका द्वारा 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होने की अंकसूची, 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित होने संबंधी घोषणा पत्र जो कि अधिकृत अधिकारी द्वारा सत्यापित होना चाहिए। यदि 18 वर्ष के पूर्व बालिका की मृत्यु हो जाती है तो यह राशि राजसात कर ली जाएगी।
पात्र को मिलेगा लाभ
'नोनी सुरक्षा योजना' शासन की अच्छी योजना है। समाज हित की इस योजना में क्या प्रगति हुई है। योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जा रहा है। इसकी जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दूंगा ताकि योजना का लाभ पात्र लोगों को मिल सके।
यह लाभ प्रथम दो पुत्रियों को
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। जन्म से एक वर्ष के उम्र के बालिकाओं का पंजीयन किया जाता है। यह लाभ प्रथम दो पुत्रियों तक दी जाती है।
लोगों को जानकारी दी जाती है
बालिकाओं की पंजीयन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है। दक्षिण बिल्हा में पंजीयन की जा रही है।


