बिल्डरों पर निबंधन विभाग सख्त
एक तरफ बिल्डर द्वारा घर नहीं मिलने से खरीदार परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ अब उन सोसायटी के लोगों की मुसीबत बढ़ने वाली है जो बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैटों में रह रहे हैं

नोएडा। एक तरफ बिल्डर द्वारा घर नहीं मिलने से खरीदार परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ अब उन सोसायटी के लोगों की मुसीबत बढ़ने वाली है जो बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैटों में रह रहे हैं। एसी सोसायटी व प्रोजेक्ट के बिल्डरों पर प्रशासन सख्त दिखाई पड़ रहा है।
दरअसल प्रशासान ने 30 जनवरी को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों के साथ बैठक आयोजित की है। इस बैठक से पहले सभी बिल्डरों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपने सभी प्रोजेक्ट टावर व फ्लैटों की संख्या के अलावा यह बताएं कि उनके प्रोजेक्ट के कितने फ्लैटों को प्राधिकरण द्वारा सीसी जारी किया जा चुका है और कितने फ्लैटों की रजिस्ट्री निबंधन विभाग द्वारा की गई है।
यह सभी जानकारी की रिपोर्ट बिल्डरों को बैठक में पेश करनी होगी जिसमें जिलाधिकारी प्राधिकरण के अधिकारियों समेत निबंधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे। बता दें कि शासन ने जिले के राजस्व विभाग को 2017-18 में 2522.84 करोड़ रुपए वसूलने का ल्क्ष्य दिया है और अभी तक यह लक्ष्य 50 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है, जबकि मार्च तक इसे पूरा किया जाना है।
इसके चलते प्रशासन ने स्टांप विभाग को बिना रजिस्ट्री कराए सोसायटी के फ्लैट जिनमें लोग रह रहे हैं उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन फ्लैटों की रजिस्ट्री कराकर प्रशासन राजस्व के टारगेट को पूरा करेगा। वहीं अधिकारियों की मानें तो जो बिल्डर अपनी सोसायटी की जानकारी नहीं देगा या फिर सीसी जारी होने पर पजेशन देने के बाद रजिस्ट्री नहीं कराएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों बिल्डर सोसायटी हैं जिनमें लाखों फ्लैट हैं।
वहीं इन शहरों में कई ऐसी बिल्डर सोसायटी हैं जिनमें बिल्डरों ने चालाकी से बिना सीसी ही लोगों को पजेशन दे दिया व इन फ्लैटों की रजिस्ट्री तक नहीं हुई है। इसके चलते प्रशासन को राजस्व की हानि हो रही है। इसके चलते कुछ दिन पहले ही निबंधन विभाग ने आम्रपाली सफायर सोसायटी को नोटिस जारी किया था।
इसमें बिल्डर को कहा गया कि नियमों का उल्लंघन कर इस सोसायटी में लोगों को बिना रजिस्ट्री कराए ही पजेशन दे दिया गया। इसलिए बिल्डर नोटिस जारी करने के 15 दिनों के अंदर रजिस्ट्री कराएं।


