Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्राधिकरण अधिग्रहीत जमीन पर रजिस्ट्री कराना अब नामुमकिन

कब्जा प्राप्त व प्राधिकरण की अधिग्रहीत जमीन पर रजिस्ट्री कराना अब मुमकिन नहीं है

प्राधिकरण अधिग्रहीत जमीन पर रजिस्ट्री कराना अब नामुमकिन
X

नोएडा। कब्जा प्राप्त व प्राधिकरण की अधिग्रहीत जमीन पर रजिस्ट्री कराना अब मुमकिन नहीं है। इसका श्रेय निबंधन विभाग को दिया जाना चाहिए। यहा ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसका फायदा नोएडा प्राधिकरण को मिल रहा है। दरसअल, रजिस्ट्री के समय जैसे ही खसरा नंबर का अपलोड किया जाएगा जिनका संबंध प्राधिकरण अधिग्रहीत या कब्जा प्राप्त क्षेत्र से होगा। सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करेगा। इसके इतर अवैध निर्माण हटाने के लिए कानूनी रूप से मजबूती की पहल की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन प्राधिकरण शहर में अवैध निर्माण को लेकर सख्त है। प्राधिकरण का सैकड़ों हैक्टेयर जमीन पर अवैध निर्माण है। इनको तोड़ने की प्रक्रिया की जा रही है। प्राधिकरण की कब्जा प्राप्त या अधिसूचित जमीन में अवैध कब्जा न हो इसको ध्यान में रखा जा रहा है। लिहाजा निबंधन विभाग की यह योजना इसमे पारदर्शिता का काम कर रही है। प्राधिकरण ओएसडी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद काफी राहत मिली है।

इनके सिस्टम में वहीं, खसरा नंबर अपलोड है जो सहीं है। इन जमीनों पर न तो प्राधिकरण का कब्जा है और न ही अधिसूचित क्षेत्र में है। ऐसे में इसके विपरीत यदि कोई भू-माफिया जाली दस्तावेजों के आधार पर भूखंड पर रजिस्ट्री कराने पहुंचता है तो उसकी चोरी पकड़ में आ जाएगी। खसरा नंबर डालते ही सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करेगा।

चार गांवों में जारी किए जा चुके नोटिस

शहर में अधिकांश निर्माण सेक्टर से जुड़े गांवों में है। इसमें सर्फाबाद, गढ़ी चौखंडी, निठारी व बसई गांव है। इन गांवों में अवैध निर्माण को लेकर प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर दिए है। यहा क्रमवार कार्यवाही की जाएगी। पहले उन मकानों को तोड़ा जाएगा जो खाली है। उसके बाद बाकी मकानों को तोड़ा जाएगा। इसमें सर्वाधिक जमीन गढ़ी चौखंडी गांव की है।

यहा करीब 60 हेक्टेयर जमीन पर अवैध निर्माण है। चौकाने वाली बात यह है कि जिस समय अवैध निर्माण हो रहा था उस दौरान प्राधिकरण ने कार्यवाही नहीं की। बिल्डर ने मकान बनाए बेच दिए साथ ही रजिस्ट्री तक हो चुकी है। ऐसे में प्राधिकरण को आबादी को तोड़ने में काफी मुश्किल हो रही है।

प्राधिकरण ने हाइकोर्ट में डाली केविएट

अक्सर देखा गया है कि प्राधिकरण जिस भी गांव में अवैध निर्माण तोड़ने के लिए नोटिस जारी करता है। वहां के ग्रामीण हाईकोर्ट जाकर होने वाली कार्यवाही पर स्टे ले आती है। इसका एक मामला निठारी में देखने को मिला। यहा प्राधिकरण ने नोटिस चस्पा किए ताकि अवैध निर्माण को हटाया जा सके।

लेकिन ग्रामीण कोर्ट चले गए। कोर्ट ने कार्यवाही पर स्टे लगा दिया। लिहाजा प्राधिकरण ने बाकी नोटिस के लिए हाईकोर्ट में केबिएट फाइल कर दी है। यदि कोई भू-माफिया कोर्ट जाता है तो पहले प्राधिकरण का पक्ष सुना जाए।

क्रमवार हटाया जाएगा अवैध निर्माण

प्राधिकरण अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अधिसूचित जमीन पर अवैध निर्माण हर कीमत पर हटाया जाएगा। इसके निर्देश शासन स्तर पर आ चुके है। लिहाजा एक प्लान तैयार किया गया है। जिसमे क्रमवार तरीके से निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मसलन पहले प्राधिकरण संबंधित क्षेत्र में नोटिस जारी करता है। इसके बाद अवैध निर्माण कर्ता का पक्ष सुना जा रहा है। यदि कहीं आपत्ति है तो उसे दूर कर कार्यवाही की जा रही है। देर होती है लेकिन शहर को अवैध निर्माण मुक्त किया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it