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कोरोना के दौर में अपराध में कमी स्थायी समाधान नहीं : बिहार डीजीपी 

बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने दावा करते हुए कहा कि कोरोना के दौर में अपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं

कोरोना के दौर में अपराध में कमी स्थायी समाधान नहीं : बिहार डीजीपी 
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पटना । बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने दावा करते हुए कहा कि कोरोना के दौर में अपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि आज राज्य का प्रत्येक पुलिसकर्मी कोरोना वॉरियर्स की भूमिका में है और कोरोना से जंग लड़ रहा है।

सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लेने वाले पुलिस महानिदेशक पांडेय की पहचान राज्य में समाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख अधिकारियों के रूप में की जाती है।

बिहार में शराबबंदी लागू करवाने में भूमिका निभाने वाले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पांडेय ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना के इस दौर में बाहर से आने वाले लोगों की खोज करना पुलिस प्रशासन के लिए मुख्य चुनौती है।

उन्होंने कहा, "विदेश से आने वाले लोगों को तो हमलोगों के पास रिकॉर्ड होता है, जिनकी पहचान आसानी से हो जाती है लेकिन देष के अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की पहचान पुलिस के लिए चुनौती है। हालांकि पुलिस का कार्य ही चुनौतीपूर्ण होता है।"

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की पहचान आसान नहीं होती। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान के लिए बिहार पुलिस तकनीक का भी सहारा ले रही है तथा उनके मोबाइल फोन नंबर की तलाश कर उसकी ट्रैकिंग कराई जाती है।

उन्होंने बताया कि कोरोना की जंग में कई विभाग अपनी भूिमका निभा रहे हैं, लेकिन बाहर से आने वाले लोगों की तलाश की जिम्मेदारी पुलिस विभाग को ही है। उन्होंने कहा कि कुछ वष्रें पहले तक पुलिस की पहचान इलाकों में अलग किस्म की थी लेकिन आज गांवों में पुलिस की पहचान बदली है। कोरोना की जंग में कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों का स्वागत किया जा रहा है।

कोरोना के इस दौर में अपराधिक घटनाओं की कमी के संबंध में पूछे जाने पर डीजीपी पांडेय कहते हैं, "राज्यभर में इस दौर में अपराधिक घटनाओं में कमी है। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। किसी को घर में रखकर अपराधिक घटनाओं पर लगाम नहीं लगाई जा सकती।"

अपराधिक घटनाओं में कमी के लिए समाजिक स्तर पर भी सुधार की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति में अपराध की प्रवृत्ति समाज के कारण भी उत्पन्न होती है।

पुलिसकर्मियों के अच्छे और सामाजिक कार्यो के लिए तारीफ करने वाले अधिकारी के रूप में पहचान बना चुके पांडेय 'जज्बे को सलाम' कार्यक्रम भी करते हैं, हालांकि उन्होंने इस कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा नहीं की है।

पांडेय कहते हैं, "वरिष्ठ अधिकारी से लेकर गांव के एक चैकीदार तक इस परिवार का या प्रषासन का अंग है और सभी के मनोबल को बना कर रखना एक परिवार के मुखिया के रूप में मेरा कर्तव्य है।"

उन्होंने बताया कि उन्हें जब भी कहीं से कोई भी थाना प्रभारी या पुलिस के जवान के अच्छे कार्यो का पता चलता है, फोन कर हालचाल पूछता हूं। उन्होंने कहा कि इससे जहां पुलिसकर्मियों को अच्छे कार्यों को करने की प्रति दिलचस्पी बढ़ती है और समाज को भी एक अच्छा संदेश मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन वे किसी ना किसी पुलिसकर्मियों को फोनकर उसका हालचाल जानते हैं।


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