इफ्को के साथ समझौते से उर्वरकों की खपत में कमी बड़ी बात होगी :महापात्रा
इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार ने बताया कि समझौता ज्ञापन से नवीन उत्पादों के परीक्षण, सत्यापन और प्रसार में अभूतपूर्व मदद मिलेगी जिससे किसानों को लाभ होगा।

नयी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा है कि इंडियन फारमर्स कोआपरेटिव लिमिटेड (इफ्को) के साथ विभिन्न उत्पादों के अनुसंधान, परीक्षण और सत्यापन के लिए समझौते से उर्वरकों की खपत में 15 प्रतिशत की कमी आयेगी तो यह महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी ।
डा महापात्रा ने बुधवार को आईसीएआर और इफको के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दोनों संस्थाओं के सहयोग से होने वाले अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों से यदि उर्वरकों की खपत में 15 प्रतिशत की कमी आती है तो यह महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी ।
उन्होंने प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण पर जोर देते हुए कहा कि सहमति पत्र के अनुसार कार्य योजना पर चर्चा कर एक सप्ताह के दौरान उसे अंतिम रुप दिया जा सकेगा । इस अवसर पर इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी , आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. ए के सिंह तथा कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार ने बताया कि समझौता ज्ञापन से नवीन उत्पादों के परीक्षण, सत्यापन और प्रसार में अभूतपूर्व मदद मिलेगी जिससे किसानों को लाभ होगा।
डॉ. अवस्थी ने कृषि के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियों के लिए आईसीएआर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उद्योग के साथ शोध सहयोगात्मक होना चाहिए। इससे दोनों संगठनों के उन्नत मस्तिष्क के योगदान से प्रयोगशालाओं के मध्य प्रौद्योगिकी के प्रसार में मदद मिलेगी। प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से रासायनिक उर्वरक की खपत को कम करके किसानों की सेवा करना ही इस पहल का अंतिम उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि मृदा को रसायनमुक्त करने के लिए काम किया जा रहा है। रसायन मृदा को असंतुलित करते हैं और उसके स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त होते हैं। उन्होंने कहा कि यह समझौता किसानों की समस्याओं को हल करने में मददगार साबित होगा तथा 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यह एक और सहयोगी कदम होगा ।


