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फास्ट ट्रैक पर देशभर के 45 स्टेशनों का हो रहा पुनर्विकास : रेल मंत्री

रेल मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत फास्ट ट्रैक पर देशभर के 45 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए स्टेशनों के ठेके भी आवंटित किए हैं

फास्ट ट्रैक पर देशभर के 45 स्टेशनों का हो रहा पुनर्विकास : रेल मंत्री
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नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत फास्ट ट्रैक पर देशभर के 45 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए स्टेशनों के ठेके भी आवंटित किए हैं।

रेल मंत्रालय के अनुसार अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का आधुनिकीकरण व पुनर्विकास कर जल्द से जल्द कुछ मुख्य रेलवे स्टेशनों को यात्रियाओं को उपलब्ध करने की योजना तहत काम कर रहा है। रेल मंत्रालय के अनुसार पंजाब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से ऐसे 31 रेलवे स्टेशनों की पहचान की है। इनमें चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर कैंट, अमृतसर, ब्यास, भटिंडा जंक्शन, जालंधर सिटी, पठानकोट कैंट, अबोहर, आनंदपुर साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर कैंट, गुरदासपुर, कोटकपूरा, कपूरथला, धूरी, धनदारी कलां, मलेरकोटला मुक्तसर, मोगा, मनसा, नंगल डैम, पटियाला, फगवाड़ा, पठानकोट सिटी, फिल्लुर, रूप नगर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर मोहाली, संगरूर, सरहिंद और होशियारपुर स्टेशन शामिल हैं।

इसी तरह राजस्थान में 82 स्टेशन अपग्रेड होंगे, जिनमें जयपुर, गांधीनगर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, जैसलमेर, पाली को फास्ट ट्रैक शामिल किया गया है। वहीं दिल्ली का केंट रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, लखनऊ (चारबाग), बिहार के गया और मुजफ्फरपुर, केरल के एर्नाकुलम, कोल्लम और एर्नाकुलम टाउन का, महाराष्ट्र के नागपुर का आधुनिकीकरण फास्ट ट्रैक के तहत किया जा रहा है।

रेलवे के अनुसार यह एक सतत प्रक्रिया है जो यातायात, कार्यों की पारस्परिक प्राथमिकता और धन की उपलब्धता के अधीन है और ये कार्य आम तौर पर योजना प्रमुख ग्राहक सुविधाओं के माध्यम से किए जाते हैं। कार्य के आकार, उसकी भौगोलिक स्थिति आदि के आधार पर कुशल निष्पादन के लिए कार्यों की योजना बनाई जाती है। रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा शामिल है और इसके लिए शहरी व स्थानीय निकायों आदि से विभिन्न वैधानिक मंजूरी की आवश्यकता होती है और ये कारक समापन समय को प्रभावित करते हैं, इसलिए कोई समय सीमा नहीं बताई जा सकती।


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