लाल किला अब डालमिया भारत ग्रुप के हवाले, इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
भारतीय संस्कृति और परम्परा की रक्षा का पाठ पढ़ाने वाली बीजेपी सरकार ने अब ऐतिहासिक विरासत को कॉर्पोरेट घराने के हवाले करने का ज़िम्मा उठा लिया है।

नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति और परम्परा की रक्षा का पाठ पढ़ाने वाली बीजेपी सरकार ने अब ऐतिहासिक विरासत को कॉर्पोरेट घराने के हवाले करने का ज़िम्मा उठा लिया है।
देश के टॉप 100 ऐतिहासिक विरासतों पर अब बड़े व्यापारिक घरानों का अधिकार होगा जिसकी शुरुआत दिल्ली के प्रसिद्ध लाल किले से हुई है। लाल किले पर अब अगले 5 साल के लिए डालमिया भारत ग्रुप का कब्ज़ा हो गया है।
जिस लाल किले से देश के प्रधानमंत्री आज़ादी की सालगिरह पर राष्ट्र को संबोधित करते आये हैं और जिस लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया जाता है, वो लाल किला अब डालमिया भारत ग्रुप को सौंप दिया गया है।
ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि हमारी विरासत को अब कॉर्पोरेट के हवाले किया जा रहा है। मोदी सरकार का तर्क है कि इस योजना से प्राचीन इमारतों और विरासतों की रक्षा हो पाएगी, उसे और सुसज्जित और सुव्यवस्थित किया जा सकेगा. इसके लिए मोदी सरकार ने ‘अडॉप्ट ए हेरिटेज’यानी 'विरासत को गोद लें' - योजना 2017 में लांच की थी।
इस योजना के प्रथम चरण में देशभर के 100 प्रमुख स्मारकों को चुना गया है और टेंडर के देने के लिए बोली लगाई गयी है.. जिसमें लाल किला के अलावा ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, सती घाट और कोणार्क मंदिर जैसे कई प्रमुख स्थान हैं।
ताज महल को गोद लेने के लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी अंतिम दौर में है। लाल किला को गोद लेने के लिए इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप भी अंतिम दौर में थे लेकिन डालमिया भारत ग्रुप ने बाजी मार ली। इसी महीने के 9 अप्रैल को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI के साथ डालमिया भारत ग्रुप ने मैमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी एमओयू किया है।
एमओयू के अनुसार 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी। इसमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट, फर्नीचर आदि शामिल हैं। एक साल के भीतर उसे टेक्टाइल मैप, टायलेट, लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले वाहन, चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना होगा। ये सुविधाएँ पर्यटकों के लिए मुफ्त में नहीं होंगी बल्कि उन्हें इसके लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी.. शर्तों के अनुसार डालमिया ग्रुप को जितना पैसा मिलेगा, उसे लाल किले के विकास पर ही लगाना होगा। ग्रुप लाल किले के भीतर अपनी ब्रांडिंग का उपयोग कर सकेगा।
अब डालमिया ग्रुप अगले महीने की 23 तारीख से काम भी शुरू कर देगा। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले जुलाई में उसे लाल किला सिक्योरिटी एजेंसियों को देना होगा। और इस कार्यक्रम के बाद लाल किले को फिर से डालमिया के हवाले कर दिया जायेगा ।


