Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्कूलों में कार्यरत कर्मियों का रिकार्ड जिला शिक्षा विभाग व पुलिस के पास नहीं

नई दिल्ली के रेयान इंटर नेशनल स्कूल मे सात साल के प्रद्युम्न की हत्या से निजी स्कूलो की व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे है

स्कूलों में कार्यरत कर्मियों का रिकार्ड जिला शिक्षा विभाग व पुलिस के पास नहीं
X

बेमेतरा। नई दिल्ली के रेयान इंटर नेशनल स्कूल मे सात साल के प्रद्युम्न की हत्या से निजी स्कूलो की व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे है, शहर बेमेतरा भी इनसे अछुता नही है। यहां जितने भी प्राईवेट स्कूल है, उन स्कूलों में फिलहाल कौन कौन कर्मी है व कहां से आये है, इसका कोई रिकार्ड जिला शिक्षा विभाग व पुलिस के पास नहीं है। बताया जा रहा है कि निजी स्कूलों ने भी अपनी तरफ से संबंधित कभी कोई जानकारी नहीं दी और न ही शिक्षा विभाग ने इस तरफ ध्यान दिया है।

पढ़ाई के नाम पर मोटी फीस वसूलने निजी शिक्षा संस्थाओं में कई तरह के लुभावने सुविधाओं के दावे पालकों से किये जाते है लेकिन ज्यादातर स्कूलों की वास्तविकता इससे परे होती है। शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सभी स्कूलों के कमरों में सीसी टीवी लगाया जाना अनिवार्य है लेकिन अब भी जिले व शहर के कई निजी स्कूल ऐसे ही संचालित हो रहे है, जहां कैमरे नही लगाये गये है। माना जाता है कि कैमरा लगाये जाने से स्कूल में हो रही गड़बडियां उजागर होने की संभावना रहती है। जिसके कारण या तो कैमरे लगाये नही जाते है या कैमरे के रिकार्डिंग बंद कर दी जाती है। स्थानीय स्कूलों को वैसे तो पुलिस की तरफ से भी अपने स्कूलों में कार्यरत टीचरों व ड्राईवर, कंडक्टर, चपरासी सहित अन्य कार्यरत कर्मचारियों के बायोडाटा की पूरी जानकारी देनी चाहिए ताकि आपातिक स्थिति में गड़बड़ी करने वालों तक आसानी से पहुंचा जा सके।

कौन पढ़ाता है, कौन काम करता है?

दरअसल प्राईवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और अन्य कार्यरत कर्मियों के बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं है। स्कूल प्रबंधन सिर्फ उनके एजूकेशन व निवास के बारे में जानकारी लेता है परन्तु उन कार्यरत कर्मी के कैरेक्टर वेरिफिकेशन नहीं होता है। यह व्यवस्था न सिर्फ शिक्षकों के साथ ही नहीं बल्कि स्कूली बसों के ड्राईवर, कंडक्टर आदि के साथ भी अपनाई जाती है।

कोई जानकारी भी नहीं देते

प्राईवेट स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में शिक्षा विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है। विभाग के अनुसार रजिस्ट्रेशन के दौरान स्कूल के सभी स्टाफ के बारे में संस्था के द्वारा शिक्षा विभाग को समय अनुसार जानकारी मिलनी चाहिए किन्तु उसके बाद वह स्टाफ वहां काम कर रहा है या काम छोड़ कर चला गया है, इसकी जानकारी दुबारा उपलब्ध नहीं कराते हैं और प्राईवेट स्कूल संचालक नये कर्मियों के बारे में विभाग के पास अपडेट जानकारी देना जरूरी नही समझते। चूकि निजी स्कूलों की व्यवस्था सवालों के घेरे में लगातार कहीं न कहीं से आते जा रही है, तो वहां के सभी कर्मियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिये विभाग के द्वारा प्रयास किये जा रहे होगें।

''पुलिस के पास वर्तमान में निजी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों का रिकार्ड नही है। प्राईवेट स्कूलों को वेरीफिकेशन के लिये कहा गया है कि वे अपने स्तर में भी कर्मियों की तसदीक करे और पत्र जारी कर स्कूलों को कार्यरत लोगो के बारे में जल्द से जल्द जानकारी देने के लिये कहा जा रहा है।
- डी.के. मारकण्डेय

थाना प्रभारी, सिटी कोतवाली बेमेतरा


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it