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जनवरी मेंं एआई से संबंधित नौकरियों में बढ़ी नियुक्तियां, सामने आई रिपोर्ट से हुआ साफ

जनवरी में स्वास्थ्य, हॉस्पिटैलिटी और एफएमसीजी सेक्टर में एआई की नियुक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है

जनवरी मेंं एआई से संबंधित नौकरियों में बढ़ी नियुक्तियां, सामने आई रिपोर्ट से हुआ साफ
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नई दिल्ली। जनवरी में स्वास्थ्य, हॉस्पिटैलिटी और एफएमसीजी सेक्टर में एआई की नियुक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी पुष्टि मंगलवार को सामने आई रिपोर्ट से हुई है।

नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के मुताबिक, जनवरी 2024 में भारत में 2,455 वहाइट-कॉलर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। वहींं, पिछले महीने की तुलना में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत कम है।

वरिष्ठ पेशेवरों और प्रीमियम नौकरी चाहने वालों की मांग सबसे अधिक थी। पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी में एआई में नई नौकरियों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

वहीं, नौकरी डॉट कॉम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी डॉ. पवन गोयल ने कहा, "एआई से संबंधित नौकरियों में उल्लेेखनीय वृद्धि इस बात के संकेत हैं कि आईटी सेक्टर में कौशल की आवश्यकताएं बदल रही हैं। जबकि, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और एफएमसीजी में सकारात्मक नियुक्ति भावना मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाती है।"

रिपोर्ट के मुताबिक, मशीन लर्निंग इंजीनियर और फुल स्टैक एआई साइंटिस्ट जैसी विशिष्ट एआई-संबंधित भूमिकाओं के लिए नियुक्तियों में (वर्ष-दर-वर्ष) क्रमशः 46 प्रतिशत और 23 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि हुई।

डेटा साइंटिस्ट जैसी पारंपरिक एआई भूमिकाओं की भी अच्छी मांग थी।

यह पिछले महीने की तुलना में जनवरी 2024 में समग्र आईटी नौकरियों में मामूली 1 प्रतिशत की वृद्धि के विपरीत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल-दर-साल आधार पर, आईटी क्षेत्र में कुल नियुक्तियां जनवरी 2023 के तेजी के समय की तुलना में 19 प्रतिशत कम है।

जनवरी में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नियुक्तियों में 7 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि हुई, जिसमें प्रशासनिक भूमिकाओं की मांग में अधिकतम वृद्धि हुई।

एफएमसीजी में नई नौकरी की पेशकश में 2023 के इसी महीने की तुलना में इस साल जनवरी में 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिन प्रमुख क्षेत्रों में नियुक्तियों में गिरावट देखी गई उनमें बीपीओ और बीमा शामिल हैं, जिनमें 16 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

इसके अलावा, शिक्षा और खुदरा क्षेत्रों में साल-दर-साल 7 प्रतिशत का संकुचन देखा गया।


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