चकनाचूर हो चुके कूल्हे के कप का पुनर्निमाण
कोरबा ! सडक़ दुर्घटना में घायल अधेड़वय शिक्षक को उसके कूल्हे के कप का पुनर्निमाण कर अस्थि रोग विशेषज्ञ व उनकी टीम ने नया जीवनदान दिया है।

अपनी तरह के पहले ऑपरेशन से शिक्षक को मिला नया जीवन
कोरबा ! सडक़ दुर्घटना में घायल अधेड़वय शिक्षक को उसके कूल्हे के कप का पुनर्निमाण कर अस्थि रोग विशेषज्ञ व उनकी टीम ने नया जीवनदान दिया है।
अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. शतदल नाथ ने बताया कि पेशे से शिक्षक पाली ब्लॉक निवासी इस्दोर तिर्की 50 वर्ष के साथ हुआ यह हादसा उन्हें जीवन भर के लिए अपने पैरों पर खड़ा होने से वंचित कर सकता था लेकिन अपनी तरह की प्रदेश में पहली विशेष सर्जरी के बाद वह सफलतापूर्वक अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा। प्रदेश में अपनी तरह की पहली सर्जरी का दावा करने वाले डा. नाथ ने बताया कि 15 जनवरी को हुए सडक़ दुर्घटना में इस्दोर के कूल्हे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए। खासतौर से दाहिने तरफ ज्यादा चोट लगी। इस दौरान ऐसीटैबुलम या कप बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। गेंद या और्विक कप के बाहर निकल चुका था। डॉक्टरों के समक्ष इस मामले में दो चुनौतियां थी। पहले ऐसीटैबुलम या कप का पुनर्निर्माण दुसरा गेंद को उसके भीतर सफलतापूर्वक फिट करना। इसके लिए विशेष प्रकार से सीटी स्कैन किया गया। जिसके बाद कप के पुनर्निर्माण के लिए कमर से हड्डी निकाली गई। स्कू्, ब्लेड आदि खास तरह के उपकरणों की सहायता से कप तैयार कर इसे कूल्हे में बैठाया गया। जिसके बाद बाहर आ चुकी गेंद को भी सफलतापूर्वक कूल्हे में फिट किया गया। इस जटिल सर्जरी में साढे तीन घण्टों का समय लगा। डॉ नाथ का दावा है कि अब तक इस तरह की सर्जरी छत्तीसगढ में नहीं हुई है। ऐसे ऑपरेशन के लिए दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों का ही रूख करना पड़ता है। मरीज इतनी बुरी हालत में था कि वह जीवन भर खड़ा भी नहीं हो पाता। इस ऑपरेशन के बाद अब वह चलने फिरने में सक्षम होगा। डॉ नाथ के साथ इस ऑपरेशन में डॉ वान्या शुक्ला, विकास, किशोर व धरम शामिल थे।


