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कुशवाहा की ऊंच जाति को संयम बरतने की सलाह

उपेन्द्र कुशवाहा ने कल आरक्षण के विरोध में आयोजित भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए ऊंची जाति को संयम बरतने की सलाह दी

कुशवाहा की ऊंच जाति को संयम बरतने की सलाह
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पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कल आरक्षण के विरोध में आयोजित भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए ऊंची जाति को संयम बरतने की सलाह दी और कहा कि समाज में यदि जातीय तनाव बढ़ा तो इसका खामियाजा सबसे ज्यादा उसे ही भुगतना पड़ेगा।

कुशवाहा ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरक्षण के विरोध में कल बिहार समेत पूरे देश में आयोजित बंद सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बंद समर्थक समाज के दलित, पिछड़े और वंचित वर्ग को उनके संवैधानिक अधिकार के लिए जारी संघर्ष को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। जब तक समाज के वंचित, कमजोर और सीमांत वर्ग को पूरा अधिकार नहीं मिल जाता तबतक उन्हें इसके लिए लड़ाई लड़ने का पूर्ण अधिकार है।

केंद्रीय मंत्री ने कल बंद के कारण पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में आयोजित चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समापन समारोह में शामिल होने के लिए जाने के दौरान वैशाली जिले में लोमा गांव के निकट समर्थकों द्वारा उनका रास्ता रोके जाने की घटना को याद करते हुये कहा, “मेरा वाहन रोककर बंद समर्थकों में से (सवर्ण) अधिकांश ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया लेकिन केवल तीन-चार लोगों ने ही हालात को समझा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया।” उन्होंने कहा कि वह ऐसे सवर्णों को धन्यवाद देते हैं क्योंकि समाज में यदि नया तनाव पैदा होता तो उससे सबसे अधिक नुकसान सवर्ण जाति के लोगों को ही झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना उन्हें और उनकी पार्टी रालोसपा को सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने से नहीं रोक सकती है।

कुशवाहा ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष को लेकर कोई भी उनकी और रालोसपा की मंशा पर शक नहीं कर सकता है। इसके लिए वह अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे। वैशाली जिले में कल हुई घटना उन्हें डिगा नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि यदि समाज में जाति आधारित तनाव उत्पन्न हुआ तो बिहार वर्ष 2005 से पहले के युग में पहुंच जाएगा, जब जातीय आधार पर बड़े पैमाने पर तनाव उत्पन्न हुआ करते थे। जनता दल यूनाईटेड (जदयू) की पूर्ववर्ती समता पार्टी ने सामाजिक सद्भाव कायम रखने के लिए कड़ी मेहनत की है।


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