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बागी विधायकों ने सिंधिया पर जताया भरोसा, कमल नाथ को कोसा 

कांग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठा दिखाते हुए कमल नाथ सरकार की जमकर आलोचना की

बागी विधायकों ने सिंधिया पर जताया भरोसा, कमल नाथ को कोसा 
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बेंगलुरू। कांग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठा दिखाते हुए कमल नाथ सरकार की जमकर आलोचना की। कांग्रेस विधायक इमरती देवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं आज जो भी हूं, सिंधिया जी की वजह से हूं। सरकार ने वचनपत्र तैयार किया था, उस पर कोई अमल नहीं हुआ। मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि जब मेरे इलाके में काम ही नहीं हुआ, तो मुझे अब आगे चुनाव नहीं लड़ना।"

उन्होंने कहा, "मैं हमूशा उनके (सिंधिया) साथ रहूंगी, चाहे मुझे कुएं में ही क्यों न कूदना पड़े।"

गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, "हमें किसी ने यहां बंधक नहीं बनाया है। जिस दिन से बेंगलुरू आए हैं, मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं, इसलिए आज अपनी बात रख रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से हम मजबूर थे, इसलिए हमें सरकार का साथ छोड़ना पड़ा।"

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर राजपूत ने कहा कि हमारी मांग है कि जैसे स्पीकर ने 6 इस्तीफे स्वीकार किए हैं। हमारे भी करें।

इस दौरान राजवर्धन सिंह ने कहा, "मैं अपने क्षेत्र की जनता के दम पर विधायक हूं। कमल नाथ ने मुझसे कहा था कि सब पर भरोसा किया है तो मुझ पर भी करके देखो। छह महीने में इलाके की सूरत बदल जाएगी। लेकिन कुछ नहीं हुआ।"

ग्वालियर के महाराजा वंशज से आने वाले सिंधिया (49) ने 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए 18 साल पुराना नाता तोड़ लिया। इसके बाद वह 11 मार्च को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए।

कांग्रेस के बागी विधायकों ने बेंगलुरू में ऐलान किया है कि वे केंद्रीय सुरक्षा बल के संरक्षण में भोपाल जाने के लिए तैयार हैं। सभी विधायक बेंगलुरू स्वेच्छा से आए हैं और न तो किसी ने बंधक बनाया है और न ही किसी का दबाव है। विधायकों ने अभी भाजपा में जाने का फैसला नहीं लिया है।

बेंगलुरू में कांग्रेस के विधायक डेरा डाले हुए हैं, सिंधिया समर्थक 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें से छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जा चुके हैं। बेंगलुरु में जमा विधायकों ने मंगलवार की सुबह मीडिया के सामने आकर अपनी बात कही। गोविंद सिंह राजपूत, राजवर्धन सिंह, एंदल सिंह कंसाना, तुलसी राम सिलावट, इमरती देवी, बिसाहू लाल सिंह सहित विधायकों ने मुख्यमंत्री कमल नाथ पर जमकर हमले बोले।

विधायकों का दावा है कि वे किसी के दबाव में नहीं है, उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया है। राज्य की सुरक्षा पर उन्हें भरोसा नहीं है, केंद्रीय सुरक्षा बल के संरक्षण में भोपाल जाने तैयार हैं। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भोपाल में हमला हो सकता है, तो हमारा क्या होगा। यह सवाल है। इसलिए केंद्रीय सुरक्षा मिले तो विधायक भोपाल जाने तैयार हैं।

राज्यवर्धन सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने लगातार वादे किए मगर एक भी पूरा नहीं किया, कमल नाथ सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री नहीं है।

वहीं, गोविंद राजपूत का कहना है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा की चिंता की है। उन्होंने अन्य विधायकों के क्षेत्र में एक रुपये का काम नहीं किया, वहीं छिंदवाड़ा में हजारों करोड़ के काम किए गए हैं।

विधायकों से जब पूछा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है, क्या आप लोग भी भाजपा में जा रहे हैं तो विधायकों का सामूहिक जवाब था कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, सभी मिलकर और बैठकर फैसला लेंगे।


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