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भारतीय रिज़र्व बैंक वर्तमान कोरोना के स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा: शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने आज कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पर केंद्रीय बैंक की नजर है लेकिन इस लहर से अर्थव्यवस्था बहुत प्रभावित हुई है

भारतीय रिज़र्व बैंक वर्तमान कोरोना के स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा:  शक्तिकांत दास
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने आज कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पर केंद्रीय बैंक की नजर है लेकिन इस लहर से अर्थव्यवस्था बहुत प्रभावित हुई है।

आरबीआई गर्वनर ने कोरोना और उससे जुड़ी स्थितियों पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है। इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर है। दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि आरबीआई पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कोरोना की पहली लहर के बाद अर्थव्यवस्था में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निचले स्तर से मजबूत आर्थिक सुधार की स्थित अब पटल गई है और ताजा संकट का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार टीकाकरण में तेजी ला रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत है। भारत की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था भी दबाव से उबरती दिख रही है। आगे अच्छे मॉनसून से ग्रामीण मांग में तेजी की संभावना है। विनिर्माण इकाइयों में भी धीमापन थमता नजर आ रहा है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी बरकरार दिख रही है हालांकि अप्रैल में ऑटो रजिस्ट्रेशन में कमी दिखी है।

नयी दिल्ली 05 मई (वार्ता) रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोविड संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों तथा अन्य इकाइयों और कोविड के इलाज के लिए आम लोगों को सस्ता ऋण मुहैया कराने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है जो रेपो दर पर उपलब्ध होगा।

आरबीआई के अध्यक्ष शक्तिकांता दास ने आज एक प्रेस वार्ता में बताया कि बैंक टीका बनाने वाली कंपनियों, दवा बनाने वाली कंपनियों, कोविड के इलाज के लिए जरूरी उपकरणों, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर बनाने वाली कंपनियों, इनके आयाताकों, अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं को रेपो दर पर ऋण दे सकेंगे। इनसे जुड़ी लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं के लिए भी यह ऋण उपलब्ध होगा। इसके अलावा आम लोगों को कोविड के इलाज के लिए भी इसी श्रेणी में ऋण मिलेगा।

यह ऋण 'प्राथमिकता' श्रेणी में दिया जायेगा और ऋण चुकता होने या इसकी अवधि समाप्त होने तक इसी श्रेणी में बना रहेगा। बैंक 31 मार्च 2022 तक यह ऋण दे सकेंगे। इसकी अधिकतम अवधि तीन साल होगी।


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