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आरबीआई ने भुगतान तंत्र ऑपरेटरों से लोकसभा चुनाव के दौरान संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए कहा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग भुगतान तंत्र ऑपरेटरों (पीएसओ) को लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक भुगतान माध्यमों से उच्च मूल्य वाले या संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए कहा है

आरबीआई ने भुगतान तंत्र ऑपरेटरों से लोकसभा चुनाव के दौरान संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए कहा
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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग भुगतान तंत्र ऑपरेटरों (पीएसओ) को लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक भुगतान माध्यमों से उच्च मूल्य वाले या संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करने के लिए कहा है, ताकि वोटरों को प्रभावित करने के लिए धन-बल के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके।

आरबीआई के 15 अप्रैल के पत्र में कहा गया है कि "भुगतान के विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने या चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को धन देने के लिए पैसों के हस्तांतरण के लिए किया जा सकता है"।

आरबीआई ने पत्र में कहा, "आपको तदनुसार सलाह दी जाती है कि ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, आवश्यक कदम उठाएं और उच्च मूल्य/संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट उचित अधिकारियों या एजेंसियों को करें।"

भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा इस संबंध में चिंता जताने और आवश्यकता पड़ने पर उचित कार्रवाई की सिफारिश करने के बाद आरबीआई ने यह पत्र जारी किया है।

लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था। सात चरण के मतदान के बाद वोटों की गिनती 4 जून को होनी है।

पीएसओ में वीज़ा, मास्टरकार्ड और रुपे जैसे कार्ड नेटवर्क के साथ-साथ रेजरपे जैसे भुगतान गेटवे और पेटीएम, भारतपे और फोनपे जैसे भुगतान ऐप शामिल हैं।


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