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रवि कुमार एनजी ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ बने, उनके सामने होगी कई चुनौतियां

2004 बैच के आईएएस अधिकारी रवि कुमार एनजे मंगलवार को संभाल सकते है ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ का कार्यभार

रवि कुमार एनजी ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ बने, उनके सामने होगी कई चुनौतियां
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ग्रेटर नोएडा। लंबी प्रतीक्षा के बाद ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पूर्णकालिक सीईओ मिल गया है। करीब एक साल से ज्यादा नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु महेष्वरी के पास ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अतिरिक्त चार्ज था। गोरखपुर के मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी को ष्षासन ने देर रात ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया है।

हालांकि रवि कुमार एनजे के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सीईओ बनने की चर्चा मुख्यमंत्री योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल से चल रही थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण रवि कुमार एनजे के सामने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सीईओ बनने पर उनके सामने कई चुनौतियां होगी, अब देखना है कि नए सीईओ इन चुनौतियों का किस तरह से सामना करते है।

मूलतः कर्नाटक निवासी रवि कुमार एनजी 2004 बैच के उत्तर प्रदेश के चर्चित आईएएस अधिकारी हैं। 19 वर्ष के सेवाकाल में उन्होंने आधा दर्जन जिलों के जिलाधिकारी, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, गोरखपुर के मंडलायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों सहित केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भी काम किया है।

आरएसएस और भाजपा के निकट होने के साथ बिल्डर लॉबी से भी उनके अच्छे रिश्ते बताए गए हैं। उन्हें ऐसे समय में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कमान दी गई है जब प्राधिकरण के समक्ष अनेक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं।

निवर्तमान सीईओ रितु माहेश्वरी के पास ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रभार रहा है। नोएडा के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी चलाना व्यवहारिक रूप से कठिन था।

प्राधिकरण में कम होती कार्मिकों की संख्या और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के उलझे मामलों को सुलझाने की चुनौती नवनियुक्त सीईओ के समक्ष भी रहेगी। हाल ही में 61 दिन चले किसानों के धरने से उत्पन्न परिस्थितियों में नये सीईओ की परीक्षा होगी। प्राधिकरण के भूलेख विभाग में तैनात कुख्यात लेखपाल और एसडीएम से काम लेना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

प्राधिकरण क्षेत्र की नागरिक सुविधाओं को दुरुस्त करना भी नये सीईओ के लिए एक चुनौती है।


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