राज्य सरकार की बेरुखी के चलते रतिराम ने की आत्महत्या : पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि अपने पुत्र की मौत के मामले में न्याय मांग रहे रतिराम ने पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने और प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर आत्महत्या की

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि अपने पुत्र की मौत के मामले में न्याय मांग रहे रतिराम ने पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने और प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली।
श्री पूनिया ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि पिछले महीने 16 जुलाई को अलवर जिले के झीवाणी गांव का अनुसूचित जाति का हरीश जाटव मोटरसाइकिल से जा रहा था तो एक महिला से मोटरसाइकल की टक्कर हो जाने से समुदाय विशेष के लोगों ने उसकी इतनी पिटाई कि वह मरणासन्न हो गया। उसे उसी रात दिल्ली के सफदरजंग भेजा गया जहां तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंन आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस शुरु से ही लीपापोती करने की कोशिश करती रही। उस समय पुलिस ने हालत गम्भीर होने पर भी साधारण धारा 323 के तहत मामला दर्ज किया। उसकी मौत होने पर भी काफी दबाव के बाद ही यह 302 में बदला गया।
श्री पूनिया ने कहा कि हत्या का मामला दर्ज करने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हरीश का पिता रतिराम एक महीने तक पुलिस के चक्कर लगाता रहा लेकिन आरोपी नामजद होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि रतिराम को ही पुलिस ने प्रताड़ित किया। जिससे उसने कल शाम को जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिये पार्टी ने कालीचरण सर्राफ के नेतृत्व में रामकुमार वर्मा और स्थानीय विधायक संजय शर्मा की तीन सदस्यीय समिति गठित की हो जो अलवर के लिये रवाना हो गयी है।
श्री पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार वर्ग विशेष के तुष्टिकरण के चलते बहुसंख्यकों के हितों का संरक्षण नहीं कर रही है। झालावाड़, गंगापुर जयपुर के रामगंज थाना क्षेत्र में हुई घटनाओं से सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से सरकार की नीयत पर सवालिया निशान लग रहा है। इन क्षेत्रों में बहुसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। राज्य सरकार एक वर्ग विशेष को खुश रखने का प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कल शाम को अलवर जिले झीवाणी गांव में रतिराम ने जहर खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई। उसके पुत्र दिनेश जाटव ने आरोप लगाया कि उसके अंधे पिता रतिराम अपने पुत्र हरीश की मौत के मामले की प्रगति जानने थाने गये तो पुलिस ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया। इससे वह बेहद दुखी थे। इसके बाद आरोपी के पिता जलीमुद्दीन ने कल सुबह उसके पिता को धमकी कि अगर उन्होंने शिकायत वापस नहीं ली तो उन्हें जान से मार दिया जायेगा। इसके बाद वह गुमशुम हो गये और शाम को उन्होंने जहर का सेवन कर लिया।


