उत्तरी दिल्ली में संपत्ति नामांतरण की दरों में सालों बाद इजाफा
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के संपत्तिकर रिकार्ड में संपत्ति के नए मालिक का नाम दर्ज कराना या नामांतरण कराना (म्युटेशन) अब कुछ महंगा हो गया है
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के संपत्तिकर रिकार्ड में संपत्ति के नए मालिक का नाम दर्ज कराना या नामांतरण कराना (म्युटेशन) अब कुछ महंगा हो गया है। दरअसल, निगम की स्थायी समिति ने नामांतरण शुल्क की दरों में 10 गुना बढ़ोत्तरी करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसके चलते लोगों को अब 150 रुपये के स्थान पर 1500 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि विपक्ष ने इस प्रस्ताव पर विरोध दर्ज कराया लेकिन ऑनलाइन म्युटेशन प्रणाली पर आने वाले खर्च के बाबत निगम के तर्क से सहमत सत्तापक्ष ने इस प्रस्ताव को पारित करवा दिया।
अतिरिक्त आयुक्त रेनू के जगदेव ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा करीब चार माह पूर्व संपत्ति का ऑनलाइन नामांतरण कराने के लिए ई-म्युटेशन (घर बैठे नामांतरण) की सुविधा शुरू की गई है। जिसके तहत नागरिकों को नामांतरण के लिए महज पांच दस्तावेजों के साथ 150 रुपये का शुल्क जमा कराना पड़ता है। हालांकि ऑनलाइन प्रक्रिया के संचालन एंव रखरखाव पर काफी खर्च आ रहा है। लिहाजा इस खर्च को व्यवस्थित करने के लिए निगम संयोजन शुल्क और संविभाजन शुल्क में बढ़ोत्तरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि साल 1959 से निगम संयोजन शुल्क सिर्फ 50 रुपये ही वसूला जा रहा है।
वो भी उन्ही आवेदकों से जो अभिलिखित करदाता की मृत्यु के छह माह बाद भी नामांतरण नहीं कराते हैं। वहीं, संविभाजन शुल्क (100 रुपये) में भी साल 2004 से कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि देश में अबतक अनेक वेतन आयोगों की सिफारिशें लागू होने के साथ तमाम वस्तुओं और सेवाओं में कई गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है।अब नामांतरण के लिए निगम संयोजन शुल्क 500 रूपये और संविभाजन शुल्क 1000 रुपये वसूला जाएगा।
अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि नामांतरण की पूरी प्रक्रिया मानव हस्तक्षेप के बिना संपन्न की जा रही है। इससे जहां निगम सेवाओं से संबंधित कार्यों में पारदर्शिता बढ़ी है वहीं, लोगों को निगम कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिली है। उन्होंने कहा कि नामांतरण शुल्क में बढ़ोत्तरी किया जाना ई गर्वेंनेस व डिजिटाईजेशन के जरिये राजस्व में बढ़ोत्तरी करने का प्रयास है। इससे न सिर्फ निगम के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी बल्कि निगम के तहत आने वाली सभी संपत्तियों के रिकार्ड व अन्य तमाम जानकारियां भी डिजिटाईज हो जाएंगी।
कैसे काम करती है निगम की ऑनलाइन नामांतरण प्रणाली
संपत्ति नामांतरण प्रक्रिया (ई-म्यूटेशन) को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की वेबसाइट पर ई-चेंज ऑफ़ नेम का नाम दिया गया है। नामांतरण के सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन आवेदन के दौरान संपत्ति के मालिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल की जानकारी देनी होती है। इसके अलावा सेल डीड, इंडेम्निटी बॉन्ड, शपथपत्र, संपत्ति के पूर्व एंव वर्तमान स्वामियों की पूरी कड़ी और संपत्ति पर बकाया तमाम संपत्तिकर भुगतान की रसीद अपलोड करने के साथ ही शुल्क जमा कराना होता है।
इसके बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से आवेदक के मोबाइल फोन पर एक संदेश (एसएमएस) भेजा जाता है। जिसमें आवेदन संख्या, तिथि, समय और शुल्क राशि दर्ज होते हैं। दस्तावेजों व अन्य जानकारियों की जांच के बाद नामांतरण प्रमाणपत्र अधिकतम 30 दिन में जारी कर दिया जाता है।


