गिरफ्तार भाजपा विधायक मुनिरत्न के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज
पुलिस ने एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता से बलात्कार के मामले में जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मुनिरत्न के खिलाफ मामला दर्ज किया है

बेंगलुरु। पुलिस ने एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता से बलात्कार के मामले में जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मुनिरत्न के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
विधायक मुनिरत्न वर्तमान में एक ठेकेदार को जान से मारने की धमकी देने और जातिवादी गालियां देने के आरोप में बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं।
विशेष अदालत ने मुनिरत्न की जमानत याचिका पर अपना आदेश गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि अगर विधायक को जमानत मिल भी जाती है तो केंद्रीय कारागार से बाहर आने के तुरंत बाद बलात्कार के मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यदि अदालत उसे जमानत देने से इनकार करती है, तो बॉडी वारंट पर पुलिस हिरासत में ले लिया जाएगा।
रामनगर जिले के कग्गलीपुरा पुलिस ने गुरुवार को एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद मुनिरत्न के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
शिकायतकर्ता ने बताया कि मुनिरत्न से उसकी पहचान किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कराई गई थी। मुनिरत्न ने मोबाइल पर कॉल करके उससे नजदीकी बढ़ाई। इसके बाद वह उसे मुत्यालनगर में अपने स्वामित्व वाले गोदाम में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि विधायक ने इस कृत्य को रिकॉर्ड किया और उसे धमकी दी कि अगर मामला सामने आया तो अंजाम बुरा होगा।
पीड़िता ने यह भी दावा किया कि उसे हनीट्रैप करने के लिए प्रयोग किया गया। कई निजी रिसॉर्ट्स में लोगों को हनीट्रैप करने के लिए मजबूर किया गया।
सूत्रों ने पुष्टि की कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा, "बीजेपी विधायक ने मुझे हनीट्रैप करने के लिए मजबूर किया। उसने मुझे यह काम न करने पर जान से मारने की धमकी दी थी।"
कग्गलीपुरा पुलिस ने उसके छह साथियों विजयकुमार, किरण, लोहित, मंजूनाथ, लोकी और दो अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है।
पीड़िता बुधवार देर रात पुलिस के पास पहुंची और डिप्टी एसपी दिनाकर शेट्टी के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
पुलिस ने गुरुवार तड़के आईपीसी की धारा 354 (ए), 354 (सी), 308, 406, 384, 120 (बी), 504, 506 और 149 के तहत मामला दर्ज किया।
पुलिस ने राजराजेश्वरी नगर से विधायक के खिलाफ आईटी एक्ट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। चूंकि घटना पहले हुई थी, इसलिए आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस स्टेशन से बाहर आते हुए पीड़िता ने बताया कि वह सुबह से ही तनाव में थी और पुलिस विभाग ने उसे घटना के बारे में बात करने की अनुमति नहीं दी।
उसने कहा, "मैंने बहुत कुछ सहा है।"


