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दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी की फांसी की सजा बरकरार

 छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने चार वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को जिला अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को यथावत रखी है

दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी की फांसी की सजा बरकरार
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने चार वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को जिला अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को यथावत रखी है।

न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायाधीश राम प्रसन्न शर्मा की युगलपीठ ने रायगढ़ के लोचन श्रीवास की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की है। युगलपीठ ने अपराधी के कृत्य को कल्लूरी से क्रूरतम मानते हुए कल दिए फैसले में कहा है कि ऐसे अपराधी को जीने का अधिकार नहीं है, ये समाज के लिए एक कलंक है।

न्यायिक सूत्रों के अनुसार रायगढ़ के बजरंग पारा के लोचन श्रीवास ( 25 ) ने 24 फरवरी 2016 को पड़ोसी चार वर्षीय बच्ची को मिठाई खिलाने का लालच देकर अपने घर ले गया। उससे दुष्कर्म कर गला घोंटकर एवं चाकू से गोद कर हत्या कर बोरे में शव बंद कर नाले के पास फेंक दिया।

पुलिस ने खोजबीन के बाद शव बरामद करने के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर जिला अदालत में मामला पेश किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की त्वरित अदालत ने फांसी की सजा सुनाई।


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