मां लक्ष्मी के स्वागत के लिये बनायी जाती है रंगोली
दीपों के पर्व दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी का घर में स्वागत करने के लिये रंगोली बनाने की परंपरा रही है।

पटना । दीपों के पर्व दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी का घर में स्वागत करने के लिये रंगोली बनाने की परंपरा रही है।
दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर की साफ-सफाई कर सजाते हैं और रंग-बिरंगी रंगोली बनाते हैं। रोशनी के साथ-साथ यदि घर में रंगोली बन जाए तो घर की सजावट पर चार चांद लग जाते हैं। रंगोली के तरह तरह के रंग और उसके भाव मन में आनंद और उत्साह का संचार करते हैं। मां लक्ष्मी के साथ रंगोली दीवाली पर घर में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए भी बनाई जाती है।
दीपावली के अवसर पर घरों को अलग-अलग तरह से सजाया जाता है। कुछ लोग पूरे घर को दीयों से रौशन करते हैं तो कुछ इलेक्ट्रिक लाइटों से लेकिन जब तक घर को रंगोली से नहीं सजाया जाए कुछ अधूरा सा लगता है। माना जाता है कि बिना रंगों के हर खुशी अधूरी है, इसी वजह से देश में लगभग हर बड़े त्योहार पर रंगोली बनाने की परंपरा है। दीवाली पर लोग रंगोली को जरूर बनाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी रंगोली से खुश होती हैं। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी अपने कुमकुम लगे पैरों से वहीं प्रवेश करती हैं, जहां साफ-सफाई और रचनात्मकता होती है और रंगोली उसी रचनात्मकता का प्रमाण है।
कहा जाता है कि दीवाली के दिन रावण का वध करने के बाद जब श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने उनका पूरे हर्षोल्लास से स्वागत किया था। लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई करके उन्हें स्वच्छ बनाकर रंगों तथा फूलों की मदद से रंगोली सजाई थी और घर को दीपक से सजाया था, इसलिए तब से ही दीपावली पर रंगोली और दीए जलाने का नियम बन गया है।


