प्रदूषण के खिलाफ कान्हा की नगरी से बजेगी रणभेरी
प्रदूषण की विकराल समस्या के प्रति जन जागरूकता और इसके समाधान के लिये देश भर काे एकजुट करने के अनूठे प्रयोग के तहत उत्तर प्रदेश की कान्हानगरी मथुरा में अभिनव कार्यक्रम की शुरूआत की गयी

मथुरा। प्रदूषण की विकराल समस्या के प्रति जन जागरूकता और इसके समाधान के लिये देश भर काे एकजुट करने के अनूठे प्रयोग के तहत उत्तर प्रदेश की कान्हानगरी मथुरा में अभिनव कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बल देने के मकसद से शुरू ‘पर्यावरण प्रहरी’ अभियान से कृष्ण जन्म स्थान आने वाले श्रद्धालुओं को जोड़ा जायेगा। अभियान के कर्ता धर्ता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान का दावा है कि पृथ्वी और प्रकृति की रक्षा के लिए ‘पर्यावरण प्रहरी’ के तौर पर हर कृष्ण भक्त की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। करीब एक साल तक चलने वाले इस अभियान का समापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर को होगा।
संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि धरती, प्रकृति, नदी और वायुमंडल का दिनों दिन बिगड़ता स्वरूप पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। हालात इतने विकराल हो गई है कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में जीव प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अगला खतरा मानव जाति पर मंडरा रहा है।
उन्होने कहा कि इस विकराल समस्या का समाधान सरकार, संस्था अथवा कोई महापुरूष अकेले नहीं कर सकता तथा इसके लिए, 130 करोड़ भारतवासियों को एकजुट होना पड़ेगा। इन्ही बातों पर विचार कर संस्थान ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर इस अभियान को शुरू किया है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगले जन्मदिन यानी 17 सितंबर तक चलेगा।
शर्मा ने कहा कि कृष्ण जन्मस्थान में हजारों की संख्या में लोग देश विदेश के नित्य आते हैं इसलिए ’’पर्यावरण प्रहरी ’’के माध्यम से इस अभियान को देश विदेश के विभिन्न भागों में पहुंचाया जा सकेगा। इस अभियान से उन्हें ही जोड़ा जाएगा जो मनसा वाचा कर्मणा से प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का कार्य करने की इच्छा रखते हैं। अभियान में प्लास्टिक उन्मूलन को भी जोड़ा गया है क्योंकि प्लास्टिक न केवल भूमि की उर्वरा शक्तिा को कम कर रही है बल्कि जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
उन्होने कहा कि द्वापर से ही मथुरा पर्यावरण का आदर्श रहा है । यहां के वन उपवन दूर दूर तक मशहूर रहे हैं। वृन्दा यानी तुलसी के वन से आज भी वृन्दावन विख्यात है। कालिया नाग का बध कर श्रीकृष्ण ने स्वच्छ यमुना का संदेश दिया था।
संस्थान के सचिव ने उम्मीद जताई कि जन्मस्थान द्वारा शुरू किया गया यह अभिनव प्रयोग प्रकृति और पार्यावरण के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम की पूर्णता के बाद इस कार्यक्रम का डिजिटल स्वरूप प्रधानमंत्री को भेट किया जाएगा।


