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राम मंदिर देश की सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक उन्नति का प्रतीक होगा: आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम केवल तभी पूरा होगा, जब देश भर में सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक आत्मसात (समावेश) संबंधी कार्य पूरा हो जाएगा

राम मंदिर देश की सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक उन्नति का प्रतीक होगा: आरएसएस
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बेंगलुरू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम केवल तभी पूरा होगा, जब देश भर में सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक आत्मसात (समावेश) संबंधी कार्य पूरा हो जाएगा। आरएसएस के सह सरकार्यवाह (संयुक्त महासचिव) मनमोहन वैद्य ने कहा, "यह (मंदिर) किसी अन्य मंदिर की तरह है, यह एक ऐसा मंदिर है, जो देश की सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक उन्नति का प्रतीक होगा।"

वह शुक्रवार को बेंगलुरू में बुलाई गई दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैठक केवल राम मंदिर के लिए समर्पित दो प्रस्तावों को पारित करेगी।

उन्होंने कहा, "आरएसएस का दृढ़ विश्वास है कि राम मंदिर का निर्माण तभी पूरा होगा, जब देश सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से आत्मसात होगा।"

वैद्य ने कहा, "सोमनाथ मंदिर पर कई बार धावा बोला गया और ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि मंदिर को सामाजिक-आर्थिक उन्नति का प्रतीक माना जाता था।"

उन्होंने कहा कि भगवान राम केवल ईश्वर के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे देश के सबसे बड़े इतिहास और सांस्कृतिक व्यक्तित्व के भी प्रतीक हैं। वैद्य ने कहा, "आरएसएस के लिए वह सांस्कृतिक जागृति के सबसे बड़े व्यक्तित्व हैं। इसलिए मंदिर का काम केवल तभी पूरा होगा, जब देश इन चीजों को लागू करेगा।"


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