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राम मंदिर उद्घाटन : 10 करोड़ से अधिक परिवारों को विहिप देगा निमंत्रण

अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहे राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम से देश के सभी लोगों को जोड़ने के लिए आरएसएस और संघ से जुड़े संगठन जोर-शोर से अभियान चलाने जा रहे हैं।

राम मंदिर उद्घाटन : 10 करोड़ से अधिक परिवारों को विहिप देगा निमंत्रण
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नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहे राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम से देश के सभी लोगों को जोड़ने के लिए आरएसएस और संघ से जुड़े संगठन जोर-शोर से अभियान चलाने जा रहे हैं।

इन्हीं अभियानों के तहत राम मंदिर के निर्माण को लेकर बड़ा आंदोलन चलाने वाले विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में जनवरी, 2024 में होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देशभर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निमंत्रण देने की योजना बनाई है।

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान विहिप की देशव्यापी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर अयोध्या में आगामी जनवरी में होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए विहिप 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निमंत्रण देगा।

उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली मनाते हैं। लेकिन, आगामी 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी, जब भगवान राम 500 वर्षों के बाद, भारत की स्वतंत्रता की अमृतवेला में अपने जन्म-स्थान पर लौटेंगे। इसलिए, यह आवश्यक है कि विश्व का समस्त हिन्दू समाज इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हो।

उन्होंने कहा कि सब रामभक्तों को तो उसी दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता। इसलिए उनका आह्वान है कि विश्व भर के हिंदू अपने मोहल्ले या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एकत्र हों। वहां की परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें, पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महामंत्र – “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जाप करें तथा अयोध्या के भव्य-दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात देखें, आरती में अपना स्वर मिलाएं, प्रसाद बांटें और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनकर आनंद मनाएं।

विहिप कार्याध्यक्ष ने आगे बताया कि इसी महीने 5 नवंबर को श्रीराम मंदिर में पूजित अक्षत (पीले चावल) कलश लेकर संगठन की दृष्टि से बने 45 प्रांतों में भेजे जा चुके हैं। तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर इस अक्षत निमंत्रण को लेकर, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर, 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच, देश के नगर ग्रामों में, हिंदू परिवारों तक जाएंगे। ऐसा ही कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है। प्रत्येक परिवार को इस निमंत्रण के साथ भगवान और उनके मंदिर का पूजा में रखने लायक एक चित्र और अन्य आवश्यक जानकारियां भी दी जीएगी।

उन्होंने कहा कि अभी तक का आकलन है कि यह आयोजन विश्व भर में 5 लाख से अधिक मन्दिरों में अवश्य होगा और करोड़ों हिंदू इसमें शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में इस तरह का इतना बड़ा आयोजन नहीं हुआ होगा। आलोक कुमार ने कहा कि इस बार विहिप समाज के पास कुछ मांगने नहीं जा रहा है इसलिए इस कार्य में जुटी टोलियां या कार्यकर्ता कोई भी भेंट, दान या अन्य सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि 1984 से चले मुक्ति अभियान में लाखों हिंदुओं की सहभागिता रही है। अनेक मुक्ति योद्धा बलिदान भी हुए हैं या अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके भी परिवार, उनके स्वप्न की इस पूर्ति को देखना चाहते हैं। विहिप ने देश को 45 भागों में बांटकर प्रत्येक भाग के लिए 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच में उस भाग के लिए निश्चित दिन अयोध्या पधारने का निवेदन किया है। ऐसे लगभग एक लाख लोगों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।

इसके साथ ही विहिप नेता ने यह भी आह्वान किया कि 22 जनवरी की पुण्यरात्रि को प्रत्येक हिंदू परिवार कम से कम 5 दीपक अवश्य जलाए और उसके बाद किसी भी दिवस को सपरिवार, ईष्ट-मित्रों सहित अयोध्या दर्शन हेतु पधारें। विश्व हिंदू परिषद को विश्वास है कि भगवान राम का यह मंदिर विश्व में हिंदुओं में समरसता, एकत्व व आत्मगौरव का संचार करेगा और भारत को परम वैभव की ओर ले जाने के लिए एक राष्ट्र मंदिर बन कर उभरेगा।


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