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मंगलुरू में राम मंदिर, धर्मांतरण कानून को लेकर विहिप की बैठक

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरू में अपनी तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक की शुरुआत की

मंगलुरू में राम मंदिर, धर्मांतरण कानून को लेकर विहिप की बैठक
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मंगलुरू। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरू में अपनी तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक की शुरुआत की। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरुद्ध यहां पहले हुए प्रदर्शनों में पुलिस की कार्रवाई के दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। संघ निकेतन सभागार में हो रही इस बैठक में विहिप के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे, कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और महासचिव मिलिंद परांडे भी भाग ले रहे हैं। इनके अलावा विश्वप्रसन्नातीर्थ महाराज और धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े भी बैठक में उपस्थित रहे।

आरएसएस से संबद्ध संस्था के हिंदुत्व पर रुख को दोहराते हुए महाराज ने कहा, "भगवान राम हमारे आदर्श हैं और रामराज्य हमारा लक्ष्य है। बादलों को हटाकर जिस प्रकार सूर्य उगता है, इसी प्रकार भारतीय संस्कृति भी पुन: उदित होगी।"

जब मंदिर सेवा पर ध्यान केंद्रित करेगा तब धर्मातरण रुकेगा, इस बात पर जोर डालते हुए हेगड़े ने कहा, "हम सभी अयोध्या में भगवान राम का एक भव्य मंदिर देखना चाहते हैं। मंदिर हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं और उन्हें सेवा का स्थान भी बनना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "सांस्कृतिक जागृति का कार्य किया जाएगा और अब कर्नाटक में कोई भी भूख और गरीबी के चलते धर्मातरण नहीं करेगा।"

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि 1964 में विश्व हिंदू परिषद ने जो संकल्प लिया था, वह अभी पूरा नहीं हुआ है।

विहिप के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोकजे ने याद दिलाया कि धर्मान्तरण खत्म करने का काम अभी बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की समस्याओं के निराकरण में विहिप की महत्वपूर्ण भूमिका है।

बैठक में विहिप राम मंदिर मुद्दे पर और आगे आने वाले छह महीने की कार्ययोजना पर चर्चा कर रही है।


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