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राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम भारत की आंतरिक शक्ति का विकास है: आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने शनिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण भारत की स्वाभाविक दृढता है

राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम भारत की आंतरिक शक्ति का विकास है: आरएसएस
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बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने शनिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण भारत की स्वाभाविक दृढता की अभिव्यक्ति है। प्रस्ताव में कहा गया है, "राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम भारत की आंतरिक शक्ति का विकास है और यह कार्यक्रम आध्यात्मिक जागरण, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव, सद्भावना और समर्पण का एक अनूठा प्रतीक बन गया है।"

प्रस्ताव में कहा गया है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के साथ-साथ, श्रीराम के मूल्यों से प्रेरित सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन सामूहिक संकल्प और प्रयासों के माध्यम से स्थापित किया जाएगा।

प्रस्ताव में दावा किया गया है, "यह एक मजबूत और शानदार भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे पूरी दुनिया की भलाई सुनिश्चित होगी।"

एबीपीएस ने देश के सामाजिक और धार्मिक संस्थानों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों सहित सभी रामभक्तों से भी अपील की कि वे सार्थक प्रयास करें, ताकि श्रीराम के आदर्श समाज के माध्यम से आगे बढ़ें।

एबीपीएस ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए अद्वितीय उत्साह और समर्थन दिखाने के लिए सभी 'रामभक्तों' के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रस्ताव में कहा गया है, "44-दिवसीय निधि समर्पण अभियान (टेम्पल कंस्ट्रक्शन फंड्स ड्राइव) वास्तव में दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा अभियान है।"

प्रस्ताव के अनुसार, लगभग 5.5 लाख शहरों और गांवों से 12 करोड़ से अधिक रामभक्त परिवारों ने भव्य मंदिर के निर्माण में योगदान दिया है। इस अभियान में समाज के सभी वर्गो और संप्रदायों के लोगों ने भागीदारी की।

एबीपीएस ने अपने प्रस्ताव में कहा, "इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीण, शहरी से लेकर वन और पहाड़ी क्षेत्रों के लोग, अमीर से लेकर आम लोगों ने पूरे मनोयोग से योगदान दिया। एबीपीएस ने इस अनोखे उत्साह और समर्थन के लिए सभी रामभक्तों को बधाई दी।"

प्रस्ताव में कहा गया कि इस अभियान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पूरा देश हमेशा श्रीराम के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।


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