उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसान राम सरन को पद्मश्री
रामनाथ कोविंद ने जिन 112 पद्म पुरूस्कारों की घोषण की उनमें से एक पद्मश्री उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा को दिया गया

बाराबंकी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जिन 112 पद्म पुरूस्कारों की घोषण की उनमें से एक पद्मश्री उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा को दिया गया।
राष्ट्रपति ने जिन 112 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की उनमें से 4 लोगों को पद्म विभूषण, 14 लोगों को पद्म भूषण जबकि 94 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार दिया गया है।
उनमें बाराबंकी के हरख ब्लॉक के छोटे से गांव दौलतपुर के प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा भी शामिल हैं।
राम सरन वर्मा ने अपने खेतों में केला, टमाटर, आलू, मेंथा के रूप में सोना उपजाने का काम किया। इसी की बदौलत आज उन्हें सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया। पद्मश्री सम्मान पाने वाले राम सरन ने किसानी को ही आने जीवन का आधार बनाया है।
रामसरन ने कम लागत में ज्यादा उत्पादन का तरीका खोजा। टमाटर, केला, मेंथा और आलू की खेती में रामसरन ने नई क्रांति लाने का काम किया। देश के अलावा विदेशों के भी कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और देश में आइएएस, पीसीएस का प्रशिक्षण लेने वाले भी इनकी प्रगतिशील खेती को देखने के लिए आते हैं।
मौजूदा समय रामसरन पर आधारित खेती कर रहे हैं। इनके खेतों में काम करके लोग इनकी तकनीक सीखने के बाद अपने छोटे-छोटे खेतों में टमाटर, केला की फसल उगाकर अपना भविष्य संवार रहे हैं।
पद्मश्री सम्मान पाने पर किसान राम सरन ने कहा कि यह पुरस्कार देश के सभी किसानों समर्पित है।
इस सम्मान से देश के करोड़ों किसानों हमारी जैसी आधुनिक खेती करने का बल मिलेगा। वह 1986 से खेती कर रहे हैं। हमने छह एकड़ से खेती की शुरुआत की थी और 150 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। आज करीब पचास हजार किसान हमारे साथ जुड़े है।
उन सभी को हमने केला, टमाटर और आलू की फसल से जुड़ी तकनीक सिखाई है। वह अपनी खेती से करीब पंद्रह से बीस हजार लोगों को रोजगार दे रहे हैं जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती की अपेक्षा आधुनिक खेती से किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।


