बंध्याकरण मामले में राम रहीम को जमानत, जेल में ही रहेंगे
दुष्कर्म दोषी और स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह को जबरन बंध्याकरण के एक मामले में शुक्रवार को पंचकुला की एक अदालत ने जमानत दे दी

चंडीगढ़। दुष्कर्म दोषी और स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह को जबरन बंध्याकरण के एक मामले में शुक्रवार को पंचकुला की एक अदालत ने जमानत दे दी। हालांकि उसके खिलाफ अन्य लंबित मामले होने के कारण वह जेल में ही रहेगा। दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म करने के मामले में रोहतक के सुनारिया जेल में 20 वर्ष की सजा काट रहा राम रहीम हत्या के दो मामलों में भी कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा है।
चंडीगढ़ से सटे पंचकुला में विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय के प्रमुख को सामान्य जमानत दे दी।
अदालत ने कई अनुयाइयों का बंध्याकरण करने के मामले में उसके तथा उसके दो डॉक्टर शिष्यों -एम.पी. सिंह और पंकज गर्ग- के खिलाफ अगस्त में मामला दर्ज किया था।
बाबा पर धोखाधड़ी और खतरनाक हथियारों और साधनों से गंभीर चोट पहुंचाने तथा डॉक्टरों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने तथा गंभीर रूप से घायल करने का आरोप लगाया गया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विवादित बाबा और डॉक्टरों -सिंह और गर्ग- के खिलाफ फरवरी में आरोप पत्र दाखिल किया था।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2014 में सीबीआई को जबरन बंध्याकरण के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था।
बाबा के अनुयाई रह चुके बंध्याकरण के मामले में पीड़ितों में से एक हंसराज चौहान ने न्यायालय में दावा किया था कि यहां से लगभग 260 किलोमीटर दूर हरियाणा में सिरसा नगर के निकट डेरा परिसर के अंदर उसके साथ-साथ 400 अन्य अनुयाइयों का जबरन बंध्याकरण किया गया है। उनसे कहा गया था कि इससे वे भगवान के और करीब हो जाएंगे।
उच्च न्यायालय के निर्देश के लगभग तीन साल बाद सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया।


