राम गोपाल वर्मा की विवादित फिल्म एनटीआर का ट्रेलर रिलीज
फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने गुरुवार को फिल्म 'लक्ष्मीज एनटीआर' का ट्रेलर रिलीज किया जो अभिनेता से राजनेता बने एन.टी. रामाराव पर आधारित

हैदराबाद । फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने गुरुवार को फिल्म 'लक्ष्मीज एनटीआर' का ट्रेलर रिलीज किया जो अभिनेता से राजनेता बने एन.टी. रामाराव पर आधारित है। ट्रेलर के रिलीज होने के बाद आंध्र प्रदेश में एक नया विवाद शुरू हो गया है। यह फिल्म पूर्व मुख्यमंत्री एनटीआर की लक्ष्मी पार्वती से दूसरी शादी के बारे में है जिसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के संस्थापक का परिवार विभाजित हो गया था और आखिर में उनके दामाद एन. चंद्रबाबू नायडू ने वर्ष 1995 में पार्टी और सरकार की बागडोर संभाली थी।
वर्मा ने ट्वीट कर कहा, "यह रहा अब तक की सबसे गंभीर और नाटकीय प्रेम कहानी का ट्रेलर। आप सभी को वेलेंटाइन डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।"
Here is the trailer of the most intense and dramatic love story ever ..Wish u all a very happy Valentine’s day. https://t.co/OtvxvikGlA
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) February 14, 2019
इसके बाद वर्मा ने ट्वीट कर बताया कि ट्रेलर को केवल डेढ़ घंटे में 10 लाख व्यूज मिल गए हैं। उन्होंने इसे 'भगवान एनटीआर का आशीर्वाद' बताया।
One million views in one and half hours ..Lord NTR blessing #LakshmisNTRtrailer pic.twitter.com/1FiMA2KLdh
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) February 14, 2019
इस तीन मिनट के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे एनटीआर की बायोपिक लिखने के लिए उनके जीवन में लक्ष्मी पार्वती का नाटकीय रूप से प्रवेश होता है और फिर परिवार के खिलाफ उनसे शादी होती है। ट्रेलर में वर्ष 1994 के चुनाव में उनकी धमाकेदार जीत, चंद्रबाबू नायडू का विद्रोह, उसके बाद के घटनाक्रम और आखिरकार 1996 में एनटीआर के निधन को भी चित्रित किया गया है।
वर्मा ने बताया कि फिल्म का ट्रेलर 22 फरवरी से सिनेमाघरों में देखा जा सकेगा।
वहीं, वर्मा की फिल्म ने नायडू और तेदेपा नेताओं को नाराज कर दिया है। तेदेपा नेताओं ने फिल्म के एक गाने पर भी आपत्ति जताई है जिसमें नायडू का किरदार पीठ पर वार करने वाले एक शख्स के रूप में नजर आ रहा है। तेदेपा विधायक एस.वी.एस.एन वर्मा ने इस गाने को सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म से हटाने के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। बीते महीने उच्च न्यायालय ने इस पर सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माता को नोटिस जारी किया था।
अप्रैल और मई में चुनावों के मद्देनजर तेदेपा नेताओं को लगता है कि यह विवादित फिल्म पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।


