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प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने पर भी पाटीदार करेंगे हार्दिक के समर्थन में रैली

 प्रशासन से रैली की अनुमति न मिलने के बावजूद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति(पीएएएस) हार्दिक पटेल के समर्थन में शनिवार शाम यहां मनसा शहर में एक बड़ी रैली आयोजित करने पर अड़ी हुई है।

प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने पर भी पाटीदार करेंगे हार्दिक के समर्थन में रैली
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गांधीनगर। प्रशासन से रैली की अनुमति न मिलने के बावजूद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति(पीएएएस) हार्दिक पटेल के समर्थन में शनिवार शाम यहां मनसा शहर में एक बड़ी रैली आयोजित करने पर अड़ी हुई है।

पीएएएस नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि प्रशासन से उन्हें रैली की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद, वे लोग पाटीदार समुदाय का समर्थन जाहिर करने के लिए मनसा में 'अधिकार रैली' आयोजित करेंगे।

पटेल ने यह भी दावा किया कि वह हाल ही में अपने खिलाफ जारी की गई सेक्स सीडी मामले के खिलाफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इससे बड़ा 'एक बम गिराएंगे।'

गांधीनगर पुलिस ने अधिकार सभा रैली के लिए पीएएएस को इजाजत नहीं दी है, लेकिन पीएएएस इजाजत या बिना इजाजत के रैली करने पर अड़ी हुई है।

अहमदाबाद से 41 किलोमीटर दूर मनसा शहर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का गृहनगर है। यह वही जगह है, जहां वर्ष 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

दो वर्षो के प्रदर्शन के दौरान पीएएएस ने कई उतार-चढ़ाव देखे। हाल ही में सोशल मीडिया पर हार्दिक जैसे दिखने वाले की या कथित रूप से हार्दिक की सेक्स सीडी वायरल हुई, जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिख रहे हैं।

इस रैली के द्वारा हार्दिक और पीएएएस समूह यह भी दिखाना चाहते हैं कि पूरा पाटीदार समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर अभी भी उनके साथ है।

हार्दिक पटेल ने कहा कि सीडी के साथ छेड़-छाड़ की गई है और यह भाजपा का काम है। उन्होंने मनसा रैली में इस मुद्दे पर 'और बड़ा बम गिराने' की धमकी दी।

सीडी मामले में कांग्रेस ने हार्दिक का समर्थन किया था। हालांकि पीएएएस नेता और कांग्रेस के बीच शुक्रवार को दिल्ली में बातचीत के नतीजे से निराशा हाथ लगी है और समिति ने आरक्षण मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए कांग्रेस को 24 घंटे का समय दिया है। दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने भी पटेल का समर्थन किया है।

पीएएएस नेता अतुल पटेल ने दावा किया है कि 'कमजोर आधार' पर रैली की इजाजत रद्द की गई। अधिकारियों ने हमसे कहा कि अगर इस जगह पर रैली की इजाजत दी गई, तो समुदायों के बीच विवाद पैदा हो सकता है और इसलिए रैली स्थल को बदलना चाहिए।

गांधीनगर जिला पुलिस अधीक्षक(डीएसपी) वीरेंद्र यादव ने कहा, "हमने उन्हें रैली की इजाजत नहीं दी है। वे लोग इसे मुख्य सड़क पर करना चाहते थे।

चुनाव के समय में, हम राजनीतिक पार्टियों को भी मुख्य सड़क पर रैली करने से मना करते हैं, क्योंकि इससे यातायात संबंधी समस्या पैदा हो सकती है। हमने उन्हें किसी अन्य जगह को तलाशने के लिए कहा है। अगर वह ऐसा करते हैं, हम उनकी मांग पर विचार कर सकते हैं।"पुलिस अधिकारी ने कहा, "अगर वे बिना इजाजत के रैली जारी रखते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"


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