एयरपोर्ट के दूसरे चरण से प्रभावित किसानों से मिलने पहुंचे राकेश टिकैत
सात मई तक मांग पूरी न होने पर होंगी महापंचायत

जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में गांव नगला हुकम सिंह व रन्हेरा मे शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकेत पहुंचे। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने विस्थापित होने जा रहे ग्रामीणों से कहा यहां कोई विरोध नहीं किया कोई लाठी और अंशु गैस कहीं नहीं चली। युद्ध करना होगा, तभी हक मिलेगा। उन्होंने प्रशासन से किसानों से वार्ता कर विस्थापन नीति मे सुधार करने की मांग करते हुए चेतावनी देते हुए कहा की अगर ऐसा न हुआ तो यूनियन एयरपोर्ट का निर्माण कार्य रोकने के लिये मजबूर होंगी और 7 मई को साबौता कट पर एक महापंचायत करने की चेतावनी दी।
जेवर मे बन रहे नोएडा इंटर नेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण मे 6 गांव की विस्थापन की तैयारी चल रही है। लेकिन गांव रन्हेरा, नगला गणेशी, हुकम सिंह आदि के ग्रामीण घर और घेर के बराबर जमीन दिए जाने, हर बालिग को मिलने वाले 5.5 लाख रूपये को बढ़ाकर 12 लाख किये जाने और परिवार के हर बालिग व नाबालिग को ये रकम दिए जाने आदि मांग पर अड़े हैं।

ग्रामीणों का कहना हैं की जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक वह गांव खाली नहीं करेंगे। वहीं शनिवार को ग्रामीणों की इन मांगों और समस्याओं को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकेत सुबह करीब 8ः30 बजे एयरपोर्ट के दूसरे चरण मे जाने वाले गांव नगला हुकम सिंह पहुचे, जहां उनका ढ़ोल नगाडों के साथ जोरदार स्वागत किया गया और यहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। इसके बाद वह ट्रेक्टर पर सवार होकर एक विशाल रैली के साथ सुबह करीब 11 बजे गांव रन्हेरा मे आयोजित एक पंचायत मे पहुंचे।
राकेश टिकेत न कहा कि एयरपोर्ट मे विस्थापित होने वाले गांव के लोगों ने कोई विरोध नहीं किया। अपनी जमीन यूंही दे दी। यहां कोई लाठी न पटकी और न कोई आंसू गैस चली। देश मे पहली बार ऐसा देखा की कहीं एयरपोर्ट बन रहा हो और जमीन देने वाले किसानों द्वारा कोई विरोध नहीं हुआ हो। उन्होंने किसानों से कहा कि वह एक संगठन बनाये, अगर सरकार बात करना चाहे तो बात करो, कमेटी पर विश्वास करों। एक युद्ध लड़ना पड़ेगा, मजबूती से लड़ोगे तो हक मिलेगा। बिना आंदोलन के कुछ नहीं होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ये बहुत बुलडोजर दिखावे।
उन्होंने कहा कि जेवर से नोएडा तक एयरपोर्ट से प्रभावित सभी ग्रामीण मिलकर तीन दिवसीय एक विशाल पैदल यात्रा निकाले। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी किसानों को उनके घर व घेर के बराबर जमीन दी जाये। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन को किसी के नाम यूंही नहीं कर देता, चाहे वह उसका बेटा ही क्यों न हो। लेकिन विस्थापन करने मे प्राधिकरण ने परिवार के मुखिया की जमीन को ही उसके बेटे मे बाँट दिया। जबकि सारी जमीन मुखिया के नाम होनी चाहिए और परिवार के हर सदस्य को कम से कम 100-100 गज के प्लाट अलग से दिए जाने चाहिए।
प्राधिकरण को किसने अधिकार दिया जमीन के बटवारे का। उन्होंने कहा की 50 गज के प्लाट मे किसान क्या बनाएगा कहां रहेगा। किसान पहले 50 गज की जमीन पर टीन छप्पर डालकर एक मॉडल बनाये और फिर देखे इसके कहां खाट बिछेगी, कहां पशु बांधे जायेगे। सरकार को पुरानी विस्थापन नीति बदलनी पड़ेगी। किसान की सहमति के बिना किसान की जमीन का मुआवजा व विस्थापन नहीं होगा।
लड़के लड़कियों के लिये कानून मे समान अधिकार हैं और जब किसानों से जमीन ली जा रहीं हैं, तो लड़की को कुछ नहीं। लड़के लड़कियों को समान अधिकार दिया जाये। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो 7 मई को साबौता कट पर एक महापंचायत की जाएगी। इसके बाद वह ट्रेक्टर व कारों के एक काफिले के साथ हजारों कार्यकर्ता व किसानों के साथ जेवर होते हुए गांव गोविन्दगढ़ मे पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याओं को सुना।
इस मौके पर राजीव मलिक, पवन खटाना, महेंद्र चोरौली ,राजीव प्रधान, दीन मुहम्मद पवार, कृपाल सिंह, देवराज सिंह, शौरतन सिंह, मा.संजीव छोंकर ,विजयपाल सिंह, जयदेव सिंह, रामचंद्र चैहान, रामशरण सिंह, सुनील प्रधान, अनित कसाना, संदीप अवाना, परविंदर अवाना, संदीप खटाना, ललित, इदरीश, चंद्रवीर इंदर यतेंद्र फौजी, विश्वास गुज्जर,नवनीत, प्रदीप नागर, राकेश ठेकेदार प्रधान आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।


