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मुजफ्फरनगर महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत, बोले : भाजपा को देनी होगी वोट की चोट

केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की

मुजफ्फरनगर महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत, बोले : भाजपा को देनी होगी वोट की चोट
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मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत की। इस महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल हुए। यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। पंचायत में लाखों की संख्या में सभी राज्यों से किसान पहुंचे।
यह देश बचाने की है लड़ाई

उन्होंने 10 फीट ऊंचे मंच से कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। अब लड़ाई 'मिशन यूपी' और 'मिशन उत्तराखंड' की नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। यह आंदोलन देश के किसानों के बूते लड़ा जाएगा। सरकार को वोट से चोट देनी होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि हम वो नहीं हैं, जो झोला उठाकर चल देंगे। मैं किसान हूं और किसान ही रहूंगा। आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगा।

किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे हमेशा लगते रहे हैं और लगते रहेंगे। हम यहां दंगा नहीं होने देंगे। यह देश हमारा है, यह प्रदेश हमारा है, यह जिला हमारा है। लाल किले पर हमारे लोग नहीं गए। देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।

450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए

उन्होंने कहा कि यह याद करते रहना कि हम वहां से हटेंगे नहीं। 450 रुपए कुंतल गन्ने का रेट चाहिए। एमएसपी की गारंटी चाहिए। पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा। किसानों की यह लड़ाई आप (किसान) के दम पर लड़ी जाएगी। आज आप मुजफ्फरनगर में आए और पूरे देश को किसानों की ताकत दिखाई। 20 लाख की भीड़ यहां जुटी। राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार ने किसानों के साथ सभी को धोखा दिया है। रेल, बिजली, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, सड़कें, एफसीआई के गोदाम, बंदरगाह प्राइवेट कंपनियों को बेच दिए गए हैं।

अब खेती-बाड़ी भी इन कंपनियों को बेचने की तैयारी है। एक तरह से पूरा भारत बिकाऊ हो गया है। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों पर गन्ना किसानों का 12 हजार करोड़ रुपया बकाया है। पिछली दो सरकार ने गन्ने का रेट बढ़ाया है, लेकिन योगी सरकार ने फूटी कौड़ी तक नहीं बढ़ाई। जब हम किसानों के हित की बात करते हैं तो सरकार इसे राजनीति बताती है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे।


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