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राज्यसभा चुनावों में 16 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज

राज्यसभा चुनावों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा से 16 सीटें के लिए मतदान हो रहा है.

राज्यसभा चुनावों में 16 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज
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राज्य सभा की 57 सीटें खाली हैं जिनमें से 16 सीटों पर चुनावों के लिए मतदान शुरू हो चुका है. खाली पड़ी हुई 57 सीटें उत्तर प्रदेश (11), महाराष्ट्र (6), तमिलनाडु (6), बिहार (5), कर्नाटक (4), राजस्थान (4), आंध्र प्रदेश (4), मध्य प्रदेश (3), ओडिशा (3), पंजाब (2), झारखंड (2), हरियाणा (2), छत्तीसगढ़ (2), तेलंगाना (2) और उत्तराखंड (1) से हैं.

41 सीटों पर उम्मीदवार बिना किसी विरोध के जीत चुके हैं. बाकी 16 सीटों के लिए बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है. जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टियों ने पिछले कुछ दिनों से अलग अलग राज्यों में अपने अपने विधायकों को रिसॉर्टों में बंद कर रखा था. राजस्थान और महाराष्ट्र में टक्कर सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण क्योंकि दोनों राज्यों में उन पार्टियों की सरकारें हैं जो केंद्र में विपक्ष में हैं.

कैसे होते हैं राज्यसभा चुनाव

जहां लोकसभा हर पांच साल पर भंग कर दी जाती है और फिर उसकी सभी 543 सीटों के लिए चुनाव होते हैं, राज्यसभा एक स्थायी सदन है जो कभी भंग नहीं किया जाता है. सदन की निरंतरता जारी रहे इसलिए हर दूसरे साल इसके 243 सदस्यों में से एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं और फिर उन सीटों को भरने के लिए एक साल छोड़ कर चुनाव होते हैं.

243 सदस्यों में से 12 तो राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते है और 233 सीटों के लिए चुनाव होते हैं. चूंकि राज्यसभा मूल रूप से राज्यों की परिषद् है, ये 233 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं. इनका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है, यानी इन्हें सीधे जनता नहीं बल्कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि यानी राज्यों के विधायक करते हैं.

चुनावों में जीत खाली सीटों की संख्या और राज्य की विधान सभा में कुल सीटों की संख्या पर निर्भर करती है. मिसाल के तौर पर अगर सिर्फ एक सीट के लिए चुनाव होना है और उस राज्य की विधान सभा में 100 वोट डाले गए हैं, तो राज्य सभा सीट के उम्मीदवार को 100 बता दो जमा एक, यानी 51 वोटों की जरूरत पड़ेगी.

दो मीडिया बैरन रेस में

अगर एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव होने हैं तो हर वोट को 100 का मूल्य दे दिया जाता है, फिर सभी उम्मीदवारों को मिले वोटों के मूल्य की गिनती की जाती है, कुल मूल्य को खाली सीटों की संख्या से एक ज्यादा आंकड़े से विभाजित कर उसमें फिर एक और जोड़ दिया जाता है.

इस बार इन चुनावों में दो उम्मीदवार आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. पहले हैं जी मीडिया समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा जिन्हें बीजेपी में राजस्थान से पांचवें उम्मीदवार के रूप में उतारा है. दूसरे हैं इंडिया न्यूज और न्यूजएक्स समाचार चैनलों के मालिक कार्तिकेय शर्मा. शर्मा राजनेता विनोद शर्मा के बेटे और मॉडल जेसिका लाल की हत्या के दोषी पाए गए मनु शर्मा के भाई हैं. वो हरियाणा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे हैं लेकिन उन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त है.

इन चुनावों की अहमियत राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को होने वाले चुनावों में भी सामने आएगी. बीजेपी पहले ही राज्यसभा में 100 से ज्यादा सीटें हासिल कर चुकी हैं लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि अगर और सीटें मिल जाएं तो वो राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार को आसानी से जीत दिला सकेगी.


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