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राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस के 6 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आज मतदान के दौरान आशंका के अनुरूप खुलेआम क्राॅस वोटिंग हुई

राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस के 6 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी के बीच सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का बडा प्रश्न बन गयी राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आज मतदान के दौरान आशंका के अनुरूप खुलेआम क्राॅस वोटिंग हुई तथा कांग्रेस के प्रत्याशी और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को बडा झटका देते हुए कडी सुरक्षा में बेंगलोर के रिसार्ट तथा गुजरात में एक साथ रखे गये 44 में से एक पार्टी विधायक ने भी कथित तौर पर भाजपा के लिए मतदान कर दिया जबकि एक एक मत के महत्व वाले इस चुनाव में जीत के लिए जरूरी आंकडे का समीकरण बदलता देख कर कथित तौर पर भाजपा ने कुछ समय के लिए अपने विधायकों का मतदान रोक दिया था।

उधर इन्हीं 44 विधायकों में से एक अन्य बाढग्रस्त बनासकांठा जिले के सर्वाधिक असरग्रस्त कांकरेज के कांग्रेस विधायक धारसी खानपुरा के भी तकनीकी आधार पर मतदान से अलग रहने की खबर है।

उन्होंने कथित तौर पर प्रॉक्सी वोटिंग की इजाजत मांगी जिसका भाजपा ने इस तकनीकी आधार पर विरोध किया कि इसके लिए तीन दिन पहले नोटिस दी जानी चाहिए थी। इसका सामान्य मतलब यह हुआ कि खानपुरा पार्टी के व्हिप के उल्लंघन के तोहमत से बचते हुए वोट नहीं दे पायेंगे। यह एक तरह से भाजपा के लिए फायदे की बात है। पल पल मोड बदल रहे इस चुनाव में दोपहर सवा बारह बजे तक एक अप्रत्याशित क्रास वोटिंग समेत भाजपा के पक्ष में कुल छह ऐसे मत पडने तथा धारसी खानपुरा के मतदान नहीं करने की संभावना से उसका पलडा एक बार फिर मजबूत हो गया है।

कांग्रेस के एक साथ रखे गये 44 विधायकों में से एक साणंद के करमसिंह पटेल ने कथित तौर पर क्रॉस वोटिंग कर भाजपा को मतदान किया जिसके चलते कांग्रेस के पोलिंग एजेंट शक्तिसिंह गोहिल के साथ उनकी कहासुनी भी हुई। बताया जा रहा है कि उन्होंने उन्हें गद्दार तक करार दिया। उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने दावा किया कि सभी 44 विधायक पटेल के ही साथ हैं और उनकी जीत पक्की है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा कुछ विधायकों का भी समर्थनपटेल को मिलेगा। इस बीच, वरीयता वाले इस खुले मतपत्र यानी ओपन बैलेट मतदान, जिसमें अपना वोट पार्टी के चुनाव एजेंट को बताया जरूरी होता है, में नये अंकगणित को सही तरीके से बिठाते हुए तीनो भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने कुछ समय के लिए अपने विधायकों की वोटिंग रोक दी थी। बताया जा रहा है कि सत्तारूढ भाजपा अपनी वोटिंग रणनीति को लेकर नये सिरे से विचार कर रही है।

पटेल को जीत के लिए जरूरी 45 से थोडा ही कम आंकडा मिलने पर भाजपा सोझ समझ कर वोटिंग करायेगी ताकि इसके तीनो प्रत्याशी जीतें। पार्टी हर हाल में अपने तीन में से दो प्रमुख प्रत्याशियों अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चत करने की रणनीति पर काम कर रही है। पटेल की स्थिति के मजबूत होने की स्थिति में सूत्रों के मुताबिक पार्टी कथित तौर पर अपने कुछ विधायकों के इस्तीफे के लिए भी तैयार हो गयी थी।

भाजपा अपने सभी विधायकों के मतदान कराने तथा इनमें से किसी के क्रॉस वोटिंग अथवा नोटा का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर भी खासी सतर्क है। यह बागी नलिन कोटडिया को भी अपने पक्ष में करने की जुगत में हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलकी ने दावा किया कि भाजपा की तीन प्रत्याशी उतारने की रणनीति उल्टी पडती दिख रही है और इससे इसकी एक उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत मुश्किल हो गयी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत के जरूरी मतों से अधिक वोट मिलेंगे।

सुबह नौ बजे से शुरू हुए मतदान के पहले तीन घंटे में कुल 176 मतदाताओं (विधायकाें में से) 70 से अधिक ने वोट डाले हैं। उधर गत राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने वाले जद-यू के इकलौते विधायक छोटू वसावा ने भी आज वोट डाला और कहा कि उन्होंने देश के लिए और पार्टी की विचारधारा के अनुरूप वोट डाला है। हालांकि मतदान स्थल पर भाजपा के शाह ने उनका अभिवादन किया। उधर दो सीटों वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आज दो फाड होती दिखी। इसके एक विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष जयंत पटेल ने कांग्रेस को मत देने की बात कही जबकि दूसरे विधायक कांधल जाडेजा को मतदान स्थल पर मौजूद भाजपा अध्यक्ष सह प्रत्याशी अमित शाह के पैर छूते देखा गया।

जाडेजा ने कल दावा किया था कि उन्हें आलाकमान ने भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री पटेल ने श्री जाडेजा के इस बयान को नादानी बताया और संप्रग के अपने सहयोगी कांग्रेस का समर्थन करने की बात कही।

कांग्रेस के 44 विधायकों के साथ बेंगलोर के एक रिसार्ट के बाद यहां मध्य गुजरात के रिसार्ट में रखे गये विधायक परेश धानाणी ने मतदान के बाद दावा किया कि पार्टी प्रत्याशी अहमद पटेल को भाजपा के अमित शाह से अधिक मत मिलेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि वाघेला गुट के बताये जा रहे सात विधायकों में से भी कुछ पटेल का समर्थन करेंगे। ऐसे ही एक अन्य कांग्रेस विधायक गयासुद्दीन शेख ने कहा कि पटेल की जीत पक्की है।

उन्हें अपने 44 कांग्रेसी समर्थकों के अलावा अन्य के वोट भी मिलेंगे। उधर श्री वसावा, जिन्होंने आदिवासी मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया था तथा जो कांग्रेस प्रत्याशी श्री पटेल के गृह जिले भरूच से आते हैं, ने मतदान के बाद कहा कि उन्होंने देश के हित में और पार्टी विचारधारा के अनुरूप वोट दिया है। उनकी पार्टी का कोई चुनाव एजेंट होने के कारण उनके लिए अपना मतदान प्रकट करने की कोई जरूरत भी नहीं पडी। इससे पहले आज सुबह शुरू हुए चुनाव में भाजपा के सचेतक पंकज देसाई ने पहला वोट डाला हालांकि इस दौरान आशंका के अनुरूप शुरूआत में ही कांग्रेस के कुछ विधायकों ने कथित तौर पर क्रॉस वोटिंग भी की है। इनमें कांग्रेस को सबसे बडा झटका एक साथ रखे 44 में से एक विधायक करमसिंह पटेल ने दी है।

कांग्रेस के कम से कम 6 विधायकों ने पार्टी व्हिप को धत्ता बताते हुए भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डाले है। इनमें पांच बागी वाघेला गुट के बताये गये हैं। उधर एक एक मत के महत्व वाले इस चुनाव में लगातार आ रहे रोमांचक मोड के तहत अब राकांपा के दो में से विधायक तथ इसके प्रदेश अध्यक्ष जयंत पटेल ने दावा किया है उन्होंने कांग्रेस के अहमद पटेल को वोट दिया है।

राकांपा ने शुरूआत में पटेल को ही समर्थन की बात कही थी पर कल रात दूसरे विधायक कांधल जाडेजा ने कहा था कि उन्हें भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के निर्देश आलाकमान से मिले हैं। उधर, शुरूआत में ही मतदान करने वाले शंकरसिंह वाघेला ने साफ कहा कि उन्होंने कांग्रेस को वोट नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने अजीज कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को वोट नहीं दिया है क्योंकि वह जीतने वाले नहीं हैं और उन्हें वोट देने और वोट खराब करने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा तीनों सीटें जीत जायेगी। उनके समर्थक कांग्रेस विधायक राघवजी पटेल ने भाजपा के तीसरे प्रत्याशी को वोट देने की बात कही।

उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस छोड कर भाजपा में शामिल हो जायेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने आरोप लगाया कि पटेल और भोला गोहिल ने अपने बैलेट भाजपा के चुनाव एजेंट और प्रत्याशियों को दिखाये हैं। कांग्रेस के चुनाव एजेंट शक्तिसिंह गोहिल ने इसकी शिकायत की है।

कांग्रेस व्हिप का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने मतदान के बाद कहा कि तीनो भाजपा उम्मीदवार जीतेंगे। उधर भाजपा प्रवक्ता भरत पंडया ने कहा कि आज के परिणाम के बाद देश भर में कांग्रेस में विभाजन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मौजूदा विधानसभा में मरम्मत कार्य के कारण मतदान स्थल यहां सरकार के मुख्य प्रशासनिक परिसर स्वर्णिम संकुल दो में बनाया गया है।

विधानसभा के सचिव तथा रिटर्निंग ऑफिसर डी एम पटेल ने यूनीवार्ता को बताया कि मतदान शाम चार बजे तक होगा। मतगणना पांच बजे से होगी। इसके लिए सुरक्षा के कडे प्रबंध किये गये हैं तथा करीब 1500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही मतदान परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है। कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल 176 विधायक और इतने ही मतदाता हैं।

यह चुनाव ओपन बैलेट और वरीयता प्रणाली से हो रहा है। परिणाम शाम साढे सात तक आ जाने की उम्मीद है। यह चुनाव भाजपा की श्रीमती स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) तथा दिलीप पंडया और कांग्रेस के अहमद पटेल (श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) के कार्यकाल पूरा होने (18 अगस्त तक) के नजदीक पहुंचने के कारण हो रहे हैं।

चुनाव में भाजपा की ओर से इसके अध्यक्ष अमित शाह तथा श्रीमती ईरानी और कांग्रेस छोड कर भाजपा में आये बलवंतसिंह राजपूत तीन उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं। जो जीतने पर पांचवी बार संसद के उच्च सदन के सदस्य बन सकते हैं। चारो प्रत्याशी सुबह ही मतदान स्थल पर पहुंच गये थे।

राज्य में 1996 के बाद पहली बार राज्यसभा चुनाव हो रहा है। इस अवधि में बाकी सभी चुनाव सर्वसम्मति से हुए थे। 27 और 28 जुलाई को कांग्रेस के 57 में से 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद इनमें से तीन भाजपा में शामिल हो गये थे जिनमें से एक राजपूत भी हैं। इसके बाद ही कांग्रेस ने सत्तारूढ भाजपा पर हर तरह के दबाव के जरिये इसके विधायकों की खरादफरोख्त के प्रयास का आरोप लगाते हुए 44 विधायकों को बेंगलोर भेज दिया था।

हालांकि ये विधायक कल सुबह लौट आये और उन्हें मध्य गुजरात के एक रिसार्ट में रखा गया था। इनमें से 42 एक साथ वोट देने के लिए बस से पहुंचे। दो अन्य शक्तिसिंह गोहिल और शैलेष परमार पहले से ही कांग्रेस के चुनाव एजेंट के तौर पर मतदान स्थल पर मौजूद थे। सभी विधायकों का बस से उतरते ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी तथा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हाथ जोड कर स्वागत किया। इनमें से कई ने गेहलोत के पैर भी छुए।

182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के एक बागी समेत 122, कांग्रेस के 51 (बागी शंकरसिंह वाघेला, जो भाजपा प्रत्याशी राजपूत के निकट रिश्तेदार हैं तथा उनके छह समर्थकों समेत) तथा राकांपा के दो और जदयू का एक विधायक है। पटेल ने जीत के लिए जरूरी 45 का आंकडा होने का दावा किया है।

गुजरात परिवर्तन पार्टी की टिकट पर चुने गये भाजपा (दल के विलय के चलते) के एक बागी नलिन कोटडिया, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की मीरा कुमार को वोट दिया था, के पटेल को समर्थन देने की संभावना थी पर उनके कल रात भाजपा के रात्रिभोज में शामिल होने से ऐसा नहीं माना जा रहा ।

चुनाव में नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प होने से भी परिदृश्य रोचक हो गया है। कांग्रेस ने पहले ही केवल श्री पटेल को वोट देने तथा नोटा अथवा दूसरी, तीसरी वरियता का उपयोग नहीं करने के बारे में व्हिप जारी कर रखा है जबकि भाजपा ने भी कल अपने विधायकों की बैठक के बाद उन्हें मतदान के दौरान मौजूद रहने और पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान के लिए व्हिप जारी किया था।


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