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संसदीय सचिवों का फैसला आने पर बदल जाएगा राज्यसभा चुनाव परिणाम

राज्य सभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने कांग्रेस ने रणनीति के तहत लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाया है

संसदीय सचिवों का फैसला आने पर बदल जाएगा राज्यसभा चुनाव परिणाम
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रायपुर। राज्य सभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने कांग्रेस ने रणनीति के तहत लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों की माने तो पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को लुभाने जहां पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेला है। वहीं दूसरी ओर छग हाईकोर्ट में 11 संसदीय सचिवों को अपात्र घोषित करने के मामलें में कभी भी फैसला आ सकता है। यदि ऐसा होता है तो भाजपा राज्य सभा का चुनाव हार सकती है।

इन दोनो काररणों से कांग्रेस ने लेखराम साहू पर दांव लगाया है। रविवार देर रात तक प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ने मंथन किया। इसके बाद राज्यसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। सोमवार को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन केन्द्रीय नेतृत्व ने लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाया का आदेश जारी किया।

प्रदेश में इस वर्ष विधानसभा के चुनाव होने वाले है। लिहाजा भाजपा को घेरने का कोई मौका कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहती है। संख्या बल को देखे तो प्रदेश में कांग्रेस के 39 विधायक है वहीं भाजपा के 49 सदस्य है। एक निर्दलीय व एक बसपा विधायक है। राज्यसभा प्रत्याशीको चुनाव जीतने के लिए 46 मत चाहिए।

वर्तमान में भाजपा को बहुमत है। उनका प्रत्याशी चुनाव जीत सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर ने 11 संसदीय सचिवों को अपात्र घोषित करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। केवल फैसला आना बाकी है। सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य राज्यों ने संसदीय सचिवों को अपात्र घोषित किया है। इसी के अनुरूप यहां भी फैसला आने की उम्मीद है।

हाईकोर्ट यदि 11 संसदीय सचिवों को अयोग्य घोषित करता है तो सरकार अल्पमत मेें आ जाएगी। वहीं राज्य सभा चुनाव में इसका सीधा असर पड़ेगा। चुनाव जीतने के लिए कम से कम 46 वोट चाहिए। ऐसी स्थिति में भाजपा को काफी मुश्किल होगी। बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के रणनीतिकारों ने पूरे तथ्यों के साथ प्रदेश प्रभारी को इससे अवगत कराया। उसके बाद ही श्री पुनिया लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाने पर सहमत हुए।

उन्होंने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओ को इसकी जानकारी दी। इसके बाद ही रविवार रात को हाईकमान ने इस पर मुहर लगाई। आनन -फानन में हाई कमान में नेता प्रतिपक्ष टी एस सिहदेव सहित विधायकों को सुबह रायपुर पहुंचे कहा गया। प्रदेश के दो तीन वरिष्ठ नेताओ को छोडकर किसी को प्रत्याशी के बारे में जानकारी नहीं थी पूरे मामले को गोपनिय बनाये रखा था।

आज सुबह एआईसीसी ने इस संबंध में आदेश जारी किया । उसके बाद प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक किया गया। प्रदेश में 50 प्रतिशत पिछड़े के मतदाता है। इस वर्ष विधानसभा के चुनाव होने वाले है, पार्टी ने लेखराम साहू को प्रत्याशी बनाकर पिछड़े वर्ग को साधने का प्रयास किया है, आमतौर पर साहू समाज को भाजपा का वोट बैंक माना जाता है। यदि वे चुनाव हार जाते है तभी भी पार्टी को सहानुभूति मिलेगी।

कांग्रेस इस चुनाव को पिछड़े वर्ग बनाम ब्राम्हण के रूप में प्रचारित करेगी। साहू समाज में काफी एकजुटता है। राज्यसभा चुनाव के बहाने पार्टी साहू समाज मेे सेंध लगाने का काम करेगी। मंत्री अजय चंद्राकर को हराकर लेखराम साहू पहले विधायक बने थे वर्तमान में जिलाध्यक्ष है, कांग्रेस में धनेन्द्र साहू को छोड़कर कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है जो साहू समाज को अपनी ओर आकर्षित कर सके।


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