Top
Begin typing your search above and press return to search.

राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

बजट सत्रावसान पर शुक्रवार को राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। आधा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया

राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित
X

नई दिल्ली। बजट सत्रावसान पर शुक्रवार को राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। आधा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। सभापति एम.वेकैंया नायडू ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या सदन अपनी उपस्थिति व संसाधनों के उपयोग के साथ न्याय कर पा रहा है।

उच्च सदन की 30 बैठकों में करीब 45 घंटे कामकाज हुआ और 121 घंटे की अवधि हंगामे की भेंट चढ़ गई। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा, कावेरी प्रबंधन बोर्ड, उत्तर प्रदेश में फर्जी मुठभेड़, सर्वोच्च न्यायालय के अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम व दिल्ली में सीलिंग जैसे मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

सदन विधायी व दूसरे महत्वपूर्ण कामकाज को पूरा करने के लिए 10 घंटे से ज्यादा समय तक बैठा।

सत्र के समापन पर अपनी टिप्पणी में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा में जो कामकाज हुआ, उसके बारे में उनके पास बताने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन राज्यसभा में जो नहीं हो पाया, उसके बारे में बताने को बहुत कुछ है।

नायडू ने कहा, "सभापति के लिए इस दिन यह परंपरागत है कि वह सदन द्वारा क्या किया गया, व क्या दिया गया, उसे संक्षिप्त रूप से बताएं। मैं इस महत्वपूर्ण सत्र में यह बताने के लिए बाध्य हूं कि क्या नहीं किया गया। आप को वित्त वर्ष के बजट पर चर्चा और विचार करना था और विनियोग विधेयक व वित्त विधेयक को दूसरे सदन के लिए भेजना था। यह नहीं किया गया।"

नायडू ने कहा, "ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित करने के अलावा कोई विधायी कार्य नहीं हो पाया।"

उन्होंने कहा कि यहां तक कि कई महत्वपूर्ण विधेयकों को आपके (सांसद) विचार की प्रतीक्षा रही।

नायडू ने कहा कि इन सब में सदन ने वास्तव में जो किया, वह सत्र की शुरुआत व केंद्रीय बजट 2018-19 को लेकर राष्ट्रपति के अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की।

उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा कि अवकाश प्राप्त करने वाले राज्यसभा सदस्यों की विदाई भी तय तिथि पर सही तरीके से नहीं हो पाई और बाद में इसकी व्यवस्था की गई।

नायडू ने कहा, "इस महत्वपूर्ण सत्र का बेहतरीन प्रदर्शन 22वें दिन का दूसरे भाग का तीन घंटे 37 मिनट था, जिसमें 28 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई दी गई। फिर भी यह सुचारु रूप से नहीं हुआ।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it