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गोवा और मणिपुर के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में तीखी नोकझोंक

 राज्यसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई

गोवा और मणिपुर के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में तीखी नोकझोंक
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नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि गोवा तथा मणिपुर में उसे सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तोड़जोड़ कर उसे सरकार नहीं बनाने दिया। कांग्रेस ने मुद्दे पर मूल प्रस्ताव के तहत चर्चा करने की मांग की, जिसे वह पहले ही पेश कर चुकी है।

मुद्दे को कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने उठाया और उप सभापति पी.जे.कुरियन से चर्चा की व्यवस्था करने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, "मेरा मूल प्रस्ताव बीते दो सप्ताह से लंबित है। मैं यह (चर्चा) मणिपुर तथा गोवा के लोगों के हितों के लिए कह रहा हूं।"

इसके बाद कुरियन ने केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से सूचना को सरकार तक पहुंचाने को कहा। नकवी ने सहमति जताई कि वह सदन के नेता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तक बात को पहुंचाएंगे।

दिग्विजय सिंह की चर्चा की मांग का मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य तपन कुमार सेन ने समर्थन किया।सेन ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने 'आपकी सलाह' के मुताबिक मूल प्रस्ताव पेश किया और इस पर चर्चा होनी चाहिए।

मामले में हस्तक्षेप करते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "विषय से जुड़ी तात्कालिकता अपना महत्व खो चुकी है।"उन्होंने कहा कि भाजपा ने गोवा तथा मणिपुर में 'बहुमत के लिए हेरफेर किया', जबकि दोनों ही राज्यों में भाजपा दूसरे स्थान पर थी।

अजाद ने कहा, "मणिपुर तथा गोवा के मुख्यमंत्री विधिवत रूप से निर्वाचित नहीं हैं।"इस पर नकवी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि कांग्रेस को दोनों ही राज्यों में सरकार के गठन का दावा करने में लंबा वक्त लग गया।

दिग्विजय सिंह मुद्दे को राज्यसभा में बार-बार उठाते रहे हैं।विपक्ष के नेता से उप सभापति ने कहा कि मामले की जांच राज्यसभा के सभापति द्वारा की जा रही है और जब चर्चा होगी तो उन्हें सूचना दी जाएगी।


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